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चीन हिंदुस्तान की कमजोरी को देख रहा है और हमारे पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं: राहुल गांधी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 19, 2021 17:05
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी सोमवार को इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा था। खबरों के मुताबिक, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बसाया है, जहां लगभग 100 से अधिक घर बने हुए दिखाई दे रहे हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में चीन द्वारा गांव बसाने के दावे वाली खबरों को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर चीन को स्पष्ट संदेश नहीं दिया गया तो वह फायदा उठाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन हिंदुस्तान की कमजोरी को देख रहा है और समझ रहा है। चीन के पास स्पष्ट रणनीतिक नजरिया है और वह दुनिया को अपने हिसाब से आकार देना चाहता है। लेकिन हिंदुस्तान के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। चीन ने पहले डोकलाम और दूसरी बार लद्दाख में परखा है। वह परख रहा है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर चीन को स्पष्ट संदेश नहीं दिया और अगर स्पष्ट रणनीति नहीं बनाई तो चीन चुप नहीं बैठेगा और इसका फायदा उठाएगा। जब फायदा उठाएगा तो हमें नुकसान हो जाएगा और नुकसान को नहीं रोक पाएंगे।’’
राहुल गांधी ने सरकार पर कटाक्ष किया, ‘‘चीन आपकी सीमा में आ गया है और आपको लगता है कि तूतू-मैंमैं और इवेंट मैनेजमेंट करके निपट लोगे। आप मेरे बारे में कुछ भी कहो, लेकिन आपका काम देश की रक्षा करना है जो आप कर नहीं रहे हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विपक्ष का नेता हूं और मैं जहां भी गलत देखूंगा वो बोलूंगा।’’ इससे पहले, उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उनका वादा याद करिए- मैं देश झुकने नहीं दूंगा।” पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किया, ‘‘मोदी जी, वो “56 इंच” का सीना कहां है ?’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी सोमवार को इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा था। खबरों के मुताबिक, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बसाया है, जहां लगभग 100 से अधिक घर बने हुए दिखाई दे रहे हैं।If India doesn't give a clear message to them and make clear military, economic geopolitical strategy, China won't stay quiet but will make the most out of it. The day it will happen, we'll suffer damages: Congress leader Rahul Gandhi https://t.co/AJhNupCusb
— ANI (@ANI) January 19, 2021
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1 नवंबर, 2020 को उपग्रह के माध्यम से ली गई इन तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि यह गांव भारत की सीमा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना हुआ है। इन खबरों पर सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने सोमवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले समस्त घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की आजीविका को उन्नत बनाने के लिए सड़कों और पुलों समेत सीमा पर अवसरंचना के निर्माण को तेज कर दिया है।
सूरत पहुंचे अरविंद केजरीवाल, चुनाव के बाद जनता को कहा- शुक्रिया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 16:09
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आप ने सूरत नगर निगम (एसएमसी) की 27 सीटें जीतकर गुजरात की राजनीति में अपना रास्ता बना लिया है। गुजरात के छह शहरों में रविवार को नगर निगम के चुनाव हुए थे।
सूरत। गुजरात के सूरत शहर में नगर निगम के चुनावों में अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल लोगों का ‘‘शुक्रिया’’ अदा करने के लिए शहर आए। आप ने हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव में 27 सीटें जीती हैं। सुबह शहर के हवाईअड्डा पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सूरत के लोगों का शुक्रिया अदा करने के लिए यहां आया हूं।’’ केजरीवाल दिन में तीन बजे शहर में रोड शो में हिस्सा लेंगे। इसकी शुरुआत वराछा इलाके से होगी और समापन सरथाना में होगा, जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान वह पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों और नवनिर्वाचित पार्षदों से मिलेंगे।
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आप ने सूरत नगर निगम (एसएमसी) की 27 सीटें जीतकर गुजरात की राजनीति में अपना रास्ता बना लिया है। गुजरात के छह शहरों में रविवार को नगर निगम के चुनाव हुए थे। भाजपा 120 सदस्यीय एसएमसी में 93 सीटें जीतकर सत्ता में कायम है जबकि आप शेष 27 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी है। कांग्रेस ने 2015 में यहां 36 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। विशेषज्ञों के अनुसार, सूरत में आप की शानदार जीत के लिए मुख्य वजह पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) का समर्थन मिलना रहा। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी। पटेल अभी गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
भारत व्यापार बंद : ओडिशा में दुकानें बंद, सड़कों पर नहीं दिखे वाहन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 16:04
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कैट ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ई-वाणिज्य से संबंधित मुद्दों को लेकर सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच भारत बंद का आह्वान किया है। ओडिशा व्यवसायी महासंघ के नेता सुधाकर पांडा ने बताया कि दवा और दूध जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है।
भुवनेश्वर। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा शुक्रवार को 12 घंटे के देशव्यापी बंद के प्रति एकजुटता दिखाते हुए ओडिशा में कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और सड़कों पर वाहन नहीं उतरे। कैट ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ई-वाणिज्य से संबंधित मुद्दों को लेकर सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच भारत बंद का आह्वान किया है। ओडिशा व्यवसायी महासंघ के नेता सुधाकर पांडा ने बताया कि दवा और दूध जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है।
गृह विभाग के विशेष सचिव संतोष बाला ने जिलाधिकारियों को एक पत्र लिखकर सुनिश्चित करने को कहा है कि बंद के कारण आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। पत्र में कहा गया, ‘‘आशंका है कि प्रदर्शनकारी वाहनों की आवाजाही, रेल यातायात को बाधित कर सकते हैं। कारोबारी प्रतिष्ठान भी बंद रहने और सरकारी कार्यालयों, बैंकों तथा शैक्षणिक संस्थानों के सामने अवरोधक रखे जाने की भी आशंका है।’’ राज्य में करीब 20 लाख दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठा बंद रहे और दोपहर तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। महासंघ से जुड़े नेताओं ने कहा कि भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, संबलपुर, बालासोर और ब्रह्मपुर समेत कई स्थानों पर बंद का असर दिखा। कारोबारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी में यूनिट-एक और यूनिट दो, बापूजी नगर और कल्पना जैसे बडे बाजार सुबह से ही बंद हैं।West Bengal: Confederation of All India Traders has called for a nationwide strike today in protest against rise in fuel prices & new e-way bill & GST; latest visuals from Birbhum. pic.twitter.com/FL0hvkSHKJ
— ANI (@ANI) February 26, 2021
कोरोना वायरस: 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में उपचाराधीन मामलों की संख्या एक हजार से कम
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 15:55
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी 1,55,986 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.41 प्रतिशत है। कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में वायरस के नए मामले बढ़ने की वजह से इनमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
नयी दिल्ली। देश में 20 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया। वहीं 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में उपचाराधीन मामले एक हजार से कम हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में अभी 1,55,986 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.41 प्रतिशत है। कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में वायरस के नए मामले बढ़ने की वजह से इनमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उसने कहा, ‘‘ हालांकि 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में उपचाराधीन मामले 1,000 से कम है।’’
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आंकड़ों के अनुसार,जम्मू-कश्मीर में820,आंध्र प्रदेश में 611, ओडिशा में 609, गोवा में 531, उत्तराखंड में 491, बिहार में 478, झारखंड में 467, चंडीगढ़ में 279, हिमाचल प्रदेश में 244, पुडुचेरी में 196 लक्षद्वीप में 86, लद्दाख में 56, सिक्किम में 43, मणिपुर में 40 , त्रिपुरा में 32, मिजोरम में 27, मेघालय में 20, नगालैंड में 13, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नागर हवेली में पांच, अरुणाचल प्रदेश में तीन, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में दो लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, 20 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, झारखंड, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम, लद्दाख, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नागर हवेली, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पिछले 24 घंटे में वायरस से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया। इस बीच, देश में कुल 1.34 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 का टीका लग चुका है।
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आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह सात बजे तक 2,78,915 सत्रों का आयोजन कर 1,34,72,643 लोगों को कोविड-19 के टीके लगाए जा चुके हैं। इनमें से 66,21,418 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को पहली खुराक और 20,32,994 स्वास्थ्य कर्मियों को दोनों खुराक दी जा चुकी है। वहीं अग्रिम मोर्चे पर तैनात 48,18,231 कर्मियों (एफएलडब्ल्यू) को पहली खुराक दी गई है। देश में 13 फरवरी को टीके की दूसरी खुराक देनी शुरू की गई थी। पहली खुराक देने के 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाती है। अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों (एफएलडब्ल्यू) को दो फरवरी से टीके लगने शुरू हुए थे। अब तक हुए टीकाकरण में नौ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में 60 प्रतिशत से कम टीकाकरण हुआ है।

