आज से चिराग की 'आशीर्वाद यात्रा', कहा- मैं एक शेर का बेटा हूं, कभी नहीं डरूंगा
आशीर्वाद यात्रा से पहले दिवंगत लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष राम विलास पासवान की जयंती पर उनके पुत्र और पार्टी नेता चिराग पासवान ने अपनी मां और परिवार के सदस्यों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर चिराग ने 'पासवान' नाम की किताब का विमोचन किया।
लोजपा में बगावत के बीच आज चिराग पासवान रामविलास पासवान की जयंती पर आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत हाजीपुर से होगी। आशीर्वाद यात्रा से पहले दिवंगत लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष राम विलास पासवान की जयंती पर उनके पुत्र और पार्टी नेता चिराग पासवान ने अपनी मां और परिवार के सदस्यों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर चिराग ने 'पासवान' नाम की किताब का विमोचन किया।
इसके बाद चिराग पासवान ने कहा कि आज हाजीपुर से मैं 'आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत कर रहा हूं। ये यात्रा बिहार के हर ज़िले से होती हुई गुजरेगी। इसका एक ही लक्ष्य है, सबके पास जाना और आशीर्वाद लेना। मुझे किसी को ताकत दिखाने की जरूरत नहीं है। ये यात्रा मैं अपनी संतुष्टि के लिए निकाल रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, कभी नहीं डरूंगा, चाहे लोग हमें कितना भी तोड़ने की कोशिश करें।#WATCH | LJP leader Chirag Paswan breaks down during the book launch of his late father Ram Vilas Paswan, on his birth anniversary. He says, "I am the son of a lion, will never be scared, no matter how much people try to break us..." pic.twitter.com/rh6qC5v53y
— ANI (@ANI) July 5, 2021
आपको बता दें कि लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति कुमार पारस के मध्य जारी विरासत की लड़ाई के बीच दिवंगत नेता की जयंती को दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के नेतृत्व द्वारा शक्ति प्रदर्शन के अवसर के तौर पर देखा जा रहा है। चिराग अपने पिता की जयंती के अवसर पर सोमवार को हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र (जिसका उनके पिता ने कई दशकों तक प्रतिनिधित्व किया) से ‘आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत करेंगे। उनके इस निर्णय ने हाजीपुर का वर्तमान में प्रतिनिधित्व करने वाले पारस को नाराज कर दिया है जो लोजपा के अन्य सभी सांसदों के समर्थन से चिराग को हटाकर स्वयं लोकसभा में पार्टी के नेता के तौर पर आसीन होने के बाद अपने गुट द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं।
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पारस ने हाल ही में चिराग के कार्यक्रम को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और सवाल किया था कि क्या उनके पिता की जयंती श्रद्धांजलि देने या लोगों का आशीर्वाद लेने का अवसर है। उन्होंने अपने भतीजे को अपने संसदीय क्षेत्र जमुई में अपना कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी थी जहां से वह लोकसभा में लगातार दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लोजपा सांसदों के संख्या बल के अपने साथ होने की स्थिति में पटना स्थित पार्टी के राज्य मुख्यालय भवन पर काबिज होने में कामयाब रहे पारस लोजपा संस्थापक की जयंती के अवसर पर एक समारोह आयोजित कर रहे हैं। पारस के समक्ष इस अवसर पर राज्य के पासवान समुदाय जो पूर्व केंद्रीय मंत्री को अपने प्रतीक के रूप में देखता था, को एकजुट रखने की एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि चिराग ने खुद को अपने पिता की विरासत के सही उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दोनों गुटों के बीच सड़कों पर तीखी नोकझोंक का ताजा उदाहरण शनिवार को चिराग समर्थकों द्वारा खगड़िया में स्थानीय पार्टी सांसद महबूब अली कैसर को काला झंडा दिखाया जाना है।
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