गायों की मौत से नाराज सीएम योगी, अयोध्या और मिर्जापुर के आठ अधिकारी निलंबित

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[email protected] । Jul 15 2019 3:05PM

मुख्यमंत्री ने आयुक्त प्रयागराज को आकशीय बिजली गिरने से निराश्रित गोवंश की हुई मृत्यु के मामले की जांच कर जवाबदेही तय करने को कहा है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आवास विकास, लखनऊ विकास प्रधिकरण और नगर निगम लखनऊ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर अमौसी हवाईअड्डे से अर्जुनगंज, शहीदपथ और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निराश्रित गोवंश को पशु आश्रय स्थल कान्हा उपवन में संरक्षित करे और सफाई अभियान चलाया जाए।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में गोवंशों की मौत से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या और मिर्जापुर जिलों में आठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने रविवार देर रात संबंधित जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की बीडीओ मिल्कीपुर, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मिल्कीपुर, ग्राम पंचायत अधिकारी पलियामाफी, मिल्कीपुर और प्रभारी कांजी हाउस अयोध्या नगर निगम डॉ. उपेंद्र कुमार और डॉ. विजेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कई जिलों के जिला अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने आयुक्त प्रयागराज को आकशीय बिजली गिरने से निराश्रित गोवंश की हुई मृत्यु के मामले की जांच कर जवाबदेही तय करने को कहा है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आवास विकास, लखनऊ विकास प्रधिकरण और नगर निगम लखनऊ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर अमौसी हवाईअड्डे से अर्जुनगंज, शहीदपथ और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निराश्रित गोवंश को पशु आश्रय स्थल कान्हा उपवन में संरक्षित करे और सफाई अभियान चलाया जाए।

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मुख्यमंत्री ने गोवंश के मुद्दे को लेकर जिला अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अयोध्या को भी नोटिस दिया। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मिर्ज़ापुर डॉ. एके सिंह, प्रभारी अधिशासी अधिकारी नगर पालिका मिर्ज़ापुर मुकेश कुमार और नगर अभियंता राम जी उपाध्याय नगर पालिका मिर्ज़ापुर को भी निलंबित कर दिया। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को संयुक्त रूप से गऊ आश्रय स्थलों का संचालन, गोवंश के भरण-पोषण, निरीक्षण, स्वास्थ परिक्षण, उपचार व्यवस्था, गोवंश की संख्या के आधार पर शेड निर्माण की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किये। योगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में गोवध निवारण अधिनियम एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत अपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।

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