बिजली संकट पर आया कोयला मंत्री का बयान, कहा- घबराने की कोई बात नहीं, सरकार सब ठीक कर रही है

Prahlad Joshi

मंत्री ने कहा, ‘‘कोयला मंत्रालय में हम इस ईंधन की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को आपूर्ति 19.5 लाख टन रही है। इसमें से 16 लाख टन कोयला कोल इंडिया ने तथा शेष सिंगरेली कोलियरीज कंपनी ने भेजा।

नयी दिल्ली। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि सरकार बिजली उत्पादकों (जेनको) की कोयले की मांग को पूरा करने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोयला आपूर्ति अभी 19.5 लाख टन प्रतिदिन की है जिसे बढ़ाकर 20 लाख टन प्रतिदिन करने का प्रयास किया जा रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘कोयला मंत्रालय में हम इस ईंधन की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को आपूर्ति 19.5 लाख टन रही है। इसमें से 16 लाख टन कोयला कोल इंडिया ने तथा शेष सिंगरेली कोलियरीज कंपनी ने भेजा। कुल मिलाकर 19.5 लाख टन की आपूर्ति की गई।’

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कोयला मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि देश के बिजली संयंत्र कोयला संकट से जूझ रहे हैं। जोशी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह देश के इतिहास में सबसे अधिक आपूर्ति है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह जारी रहेगी।’’ जोशी ने कोयले के वाणिज्यिक खनन की तीसरे चरण की नीलामी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘2020-21 अक्टूबर या उससे पहले हम 20 लाख टन की आपूर्ति पर पहुंचने का प्रयास करेंगे। यह भी एक रिकॉर्ड होगा।’’ मंत्री ने सभी हितधारकों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी हितधारकों तथा देश के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि बिजली उत्पादन के लिए जितने भी कोयले की जरूरत होगी कोयला मंत्रालय उसे उपलब्ध कराएगा।’’ उन्होंने कहा कि मानसून लौटने के साथ अब कोयला आपूर्ति और सुधरेगी। जोशी ने कहा, ‘‘अभी कोल इंडिया के पास 22 दिन का भंडार है।

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आप जानते हैं कि मानसून लौट रहा है। ऐसे में आपूर्ति और सुधरेगी।’’ मंत्री ने कहा कि अगले 30-40 साल निश्चित रूप से कोयले का भविष्य है। उन्होंने कहा कि यह कोयला ब्लॉकों की तीसरे चरण की नीलामी के लिए उपयुक्त समय है। पूरी दुनिया और भारत के कुछ हिस्सों में कोयले के भविष्य को लेकर चर्चा चल रही है। कोयला सचिव ए के जैन ने भी कहा कि यह कोयले के वाणिज्यिक खनन के लिए तीसरे चरण की नीलामी को उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय कोयले की आपूर्ति को लेकर चर्चा चल रही है। ‘‘साथ ही कोयले की मांग भी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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