बिहार में नहीं सुलझ रही गठबंधन की गांठ, NDA और महागठबंधन में घमासान जारी

गुरुवार को एनडीए में चिराग पासवान को मनाने की कोशिश हुई। इसके लिए चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ लंबी बैठ की। भाजपा की ओर से चिराग पासवान को 28 सीटें देने की बात कही जा रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है और आज से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लेकिन दोनों गठबंधन में उलझने बरकरार हैं। महागठबंधन हो या फिर एनडीए हो, दोनों जगह सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है। दोनों गठबंधन फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर खुलकर बात करने की स्थिति में नहीं है। पर्दे के पीछे मान मनौवल की भी कोशिश लगातार जारी है। फिलहाल स्थिति संभलती हुई भी नहीं दिख रही है। सीट बंटवारे की बात तो छोड़िए अभी फिलहाल यह भी तय नहीं हो पा रहा है कि गठबंधन में कौन से दल रहेंगे और कौन से दल बाहर हो सकते है। लेकिन दोनों ही गठबंधन से बाहर होने वाले और गठबंधन में शामिल होने वाले लगातार आ और जा रहे है।
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गुरुवार को एनडीए में चिराग पासवान को मनाने की कोशिश हुई। इसके लिए चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ लंबी बैठ की। भाजपा की ओर से चिराग पासवान को 28 सीटें देने की बात कही जा रही है। इसके अलावा उन्हें विधान परिषद में 2 सीटें दी जा सकती हैं। लेकिन चिराग इस पर मानने को तैयार नहीं हैं। चिराग की पार्टी लगातार 43 सीटों पर अपना दावा ठोक रही है। हालांकि नीतीश कुमार लोजपा को इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में खास महत्व नहीं देना चाहते। भाजपा चिराग पासवान से मान मनौवल तो कर रही है लेकिन नीतीश वह भी नहीं करना चाहते। सूत्र यह दावा कर रहे है कि चिराग 28 सीटों पर मान सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने दो शर्त रखी है। पहली शर्त तो यह है कि 28 सीटों के अलावा वह दो विधान परिषद और एक राज्यसभा की सीट लेंगे और दूसरी शर्त यह है कि अगर वह 28 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो अपनी मर्जी से सीटों का चयन करेंगे। दोनों ही स्थिति में भाजपा और जदयू को उनकी शर्तें मंजूर नहीं है।
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उधर, महागठबंधन में भी गठबंधन को लेकर पेच फंसा हुआ है। कांग्रेस लगातार तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी पर मनमानी करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर ऐसी स्थिति रही तो आरजेडी के साथ गठबंधन संभव नहीं है। हालांकि फिलहाल मामले को निष्कर्ष तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस अपने बी प्लान पर भी काम कर रही है। इस प्लान के तहत वह पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा से संपर्क में है। कांग्रेस इन दलों को साथ लेकर अलग मोर्चा के साथ बिहार चुनाव में उतर सकती है। लेकिन फिलहाल कांग्रेस अपने इस प्लान को अंतिम रूप देने के लिए आरजेडी के फैसले का इंतजार करेगी।
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आपको बता दें कि बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस बार बिहार में 3 चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा जबकि दूसरे और तीसरे चरण का मतदान क्रमशः 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। वर्तमान परिस्थिति में देखें तो बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला दो गठबंधनों के बीच में है। एक ओर सत्ताधारी एनडीए है तो दूसरी ओर महागठबंधन है। एनडीए की ओर से नीतीश कुमार पहले ही सीएम उम्मीदवार के तौर पर आगे किए जा चुके हैं लेकिन महागठबंधन में अभी भी इसको लेकर पेच फंसा हुआ है। आरजेडी लगातार तेजस्वी यादव को आगे कर रही है लेकिन कांग्रेस अभी भी इस पर संकोच में है।
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