भूमि मुआवजा मामले में मुख्य सचिव के खिलाफ शिकायत गंदी राजनीति का हिस्सा : अधिकारी

Arvind kejriwal
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सतर्कता मंत्री आतिशी ने शनिवार को मामले से जुड़ी फाइलें मांगीं और सतर्कता निदेशालय ने उनकी प्रतियां उन्हें मुहैया करा दीं। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मामले से संबंधित फाइलों को मुख्य सचिव के माध्यम से नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ जांच चल रही है।

दिल्ली सरकार के संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार ने भूमि अधिग्रहण मुआवजे से जुड़े मामले में मुख्य सचिव (सीएस) नरेश कुमार के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार और गंदी राजनीति का हिस्सा बताया। अश्विनी कुमार ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन कर राज्य सरकार के शीर्ष नौकरशाह का बचाव किया। संभागीय आयुक्त ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ आरोप उनकी (नरेश कुमार) छवि को बिगाड़ने के मकसद से लगाए गए हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा कि अश्विनी कुमार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि इस तरह की प्रेस वार्ता करना अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 का उल्लंघन है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि अश्विनी कुमार का मुख्य सचिव का बचाव करना दर्शाता है कि वह भी कथित घोटाले में शामिल हो सकते हैं।”

अश्विनी कुमार के पास अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) का भी प्रभार है और वह मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) के सचिव भी हैं। उनके प्रेस वार्ता करने के कदम ने दिल्ली में नौकरशाही और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच के टकराव को एक बार फिर सामने ला दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सतर्कता मंत्री आतिशी से उस शिकायत की जांच करने को कहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्य सचिव के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति के रिश्तेदार ने नौकरी दी, जिसे सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन को लेकर बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बामनोली में अधिग्रहीत की जा रही 19 एकड़ भूमि की मूल मुआवजा राशि को इस साल मई में तत्कालीन जिलाधिकारी (दक्षिण पश्चिम) हेमंत कुमार ने 41 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये कर दिया था।

गृह मंत्रालय ने बाद में इस मामले में हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था। संवादादाताओं को संबोधित करते हुए संभागीय आयुक्त ने कहा कि मुख्य सचिव की छवि को तार-तार करने के लिए ढेर सारी अफवाहें और झूठ फैलाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए क्योंकि ये आरोप उनकी (नरेश कुमार) छवि को बिगाड़ने के मकसद से लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मामला मई में सामने आया था और तत्कालीन जिलाधिकारी हेमंत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उन्होंने दावा किया कि हेमंत कुमार को बचाने के लिए ध्यान भटकाने वाली रणनीति के तहत मुख्य सचिव के खिलाफ शिकायत की गई है। अश्विनी कुमार ने कहा, शिकायत गंदी राजनीति का हिस्सा है और कीचड़ उछालने का प्रयास है क्योंकि भूमि मालिकों और मुख्य सचिव के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

सतर्कता मंत्री आतिशी ने शनिवार को मामले से जुड़ी फाइलें मांगीं और सतर्कता निदेशालय ने उनकी प्रतियां उन्हें मुहैया करा दीं। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मामले से संबंधित फाइलों को मुख्य सचिव के माध्यम से नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ जांच चल रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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