ड्रिग्री फर्जीवाडे की जांच न होने पर कांग्रेस हुई मुखर तो शांता कुमार ने भी अपनी ही सरकार की मंशा पर सवाल उठाया

Himachal Congress

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की दो प्राईवेट यूनिवर्सिटी ने छात्रों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां तैयार कर बेचीं। करीब चार से पांच लाख फर्जी डिग्रियां बेची गई बताई जा रही हैं। शिमला की एपीजी यूनिवर्सिटी और मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन ने डिग्रियों में धोखाधड़ी की है। अपने एजेंट के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में डिग्रियां बेची हैं।

शिमला।  हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर फर्जी डिग्री मामले को लेकर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। एक ओर विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने में लगी हैं तो दूसरी ओर  प्रदेश  पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने  भी  ड्रिग्री फर्जीवाडे मामले में जाच में हो रही देरी पर कहा कि जो लोग जेलों में बंद होने चाहिए, वे बाहर  खुलेआम घूम रहे हैं।

 

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 दरअसल, हिमाचल प्रदेश की दो प्राईवेट यूनिवर्सिटी ने छात्रों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां तैयार कर बेचीं। करीब चार से पांच लाख फर्जी डिग्रियां बेची गई  बताई जा रही हैं।  शिमला की एपीजी यूनिवर्सिटी और मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन ने डिग्रियों में धोखाधड़ी की है। अपने एजेंट के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में डिग्रियां बेची हैं। डिग्री के नाम पर लाखों रुपये लिए गए हैं। एक यूनिवर्सिटी ने तो करीब चार से पांच लाख तक डिग्रियां बेचीं। तो दूसरी ने करीब 15 हजार तक डिग्रियां छापी और बेचीं।

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दरअसल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को देशभर में फर्जी डिग्रियों से संबंधित शिकायत आई थी। इस जांच में सामने आया कि देशभर में 13 निजी विश्वविद्यालय ऐसे हैं जो फर्जी डिग्रियां बेच रहे हैं। यूजीसी ने हिमाचल सरकार को पत्र लिखकर इस मामले की जांच के आदेश दिए। सरकार ने  जांच शुरू करवाई तो कुछ गिरफतारियां भी हुईं ।

लेकिन उसके बाद सभी आरोपी अदालत से जमानत लेने में कामयाब रहे तो वहीं जांच भी घीमी हो गई ।  यही वजह है कि अब सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे है। 

पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता शांता कुमार ने धर्मशाला में एक सार्वजनिक समारोह में सरकार को घेरा व कहा कि जोच का तरीका सही नहीं है। धीमी जांच पर उन्होंने नाराजगी जताते हुये कहा कि जिन्हें जेल में होना चाहिये वह बाहर खुलेआम घूम रहे हैं। 

 

दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने हमीरपुर में इसकी जांच की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन आयोजित किया। कांग्रेस सोशल मिडिया के प्रदेश प्रभारी अभिषेक राणा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता जलूस की शक्ल में गांधी चौक तक नारेबाजी करते हुये आये।  

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