गुजरात नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हार लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह: संजय राउत
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री नारायणसामी के इस्तीफे के कारण सोमव़ार को पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिर गई। हाल ही में कई कांग्रेस विधायकों और बाहर से समर्थन दे रहे द्रमुक के एक विधायक के इस्तीफे के कारण केन्द्रशासित प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई थी।
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भाजपा ने गुजरात में छह नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की। भाजपा ने मंगलवार को हुई मतगणना में 576 में से 483 सीटें जीतकर इन नगर निकायों में अपनी सत्ता बरकरार रखी। विपक्षी दल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और वह केवल 55 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। वहीं, राज्य में नगर निकाय चुनावों में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी (आप) ने 27 सीटों पर जीत हासिल की और ये सभी सीटें उसने सूरत में जीती। आप सूरत नगर निगम में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी। परिणाम पर राउत ने कहा, ‘‘सूरत एक महत्वपूर्ण नगर निगम है और लोगों ने मुख्य विपक्षी दल के रूप में आप को चुना है। कांग्रेस को इस बारे में विचार करना होगा, हम सबको इस पर विचार करने की जरूरत है।’’ उन्होंने सूरत में ‘आप’ की जीत का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन गुजरात में और अन्य राज्यों में कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को लोगों ने क्यों खारिज किया...कांग्रेस की हार लोकतंत्र के हित में नहीं है।’’
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राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कई हथकंडों का इस्तेमाल कर पुडुचेरी में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसे हथकंडों का इस्तेमाल हुआ और मध्य प्रदेश में भी इन्हें आजमाया गया था। राउत ने कहा, ‘‘लेकिन पुडुचेरी और महाराष्ट्र में बड़ा अंतर है। यहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं और शिवसेना महा विकास आघाड़ी के दोनों घटकों के साथ मजबूती से खड़ी है।’’ उन्होंने कहा कि पुडुचेरी के घटनाक्रम से सभी दलों को सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर विपक्ष नहीं रहा तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा...और लोकतंत्र नहीं रहा तो यह देश नहीं रहेगा और देश नहीं रहा तो ?....देशी ईस्ट इंडिया कंपनी देश को चलाएगी।’’ बहरहाल शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि कुछ लोग सपना देख रहे हैं कि पुडुचेरी में जो हुआ अब महाराष्ट्र में होगा। संपादकीय में कहा गया, ‘‘ उन्हें सपना देखते रहना चाहिए। महाराष्ट्र मजबूत है और एकजुट है। पुडुचेरी और मध्यप्रदेश का खेल महाराष्ट्र में नहीं चलेगा।
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