उपचुनाव में जीत के लिए बीजेपी का साथ लेने को कांग्रेस बेकरार, अब क्या करेंगे 'छोटे सरकार'?

uddhav
अभिनय आकाश । Sep 27 2021 3:40PM

भाजपा ने महाराष्ट्र में राज्यसभा उपचुनाव से अपने उम्मीदवार संजय उपाध्याय का नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस उम्मीदवार रजनी पाटिल की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया।

महाराष्ट्र में महाअघाड़ी सरकार के बनने के बाद से ही इसके ज्यादा दिन तक नहीं चलने की बातें और दावें विपक्षी दलों की ओर से अक्सर किए जाते हैं। इसके साथ ही शिवसेना के नेताओं यहां तक की उद्धव ठाकरे के बयानों को लेकर भी तमाम तरह की अटकलें चलती रहती हैं। लेकिन अब महाराष्ट्र की सियासत में एक नया ही माजरा देखने को मिला है। जब कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर एक अनुरोध किया जिसे बीजेपी द्वारा सर्हष स्वीकार कर लिया गया। राजनीति में ऐसा बेहद कम ही मौके पर देखने को मिला है, जब बीजेपी और कांग्रेस पार्टी चुनाव से जुड़े मुद्दे पर आम सहमत नजर आए हो। पूरा मामला क्या है आपको विस्तार से बताते हैं। 

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नाना पटोले ने फडणवीस से मुलाकात कर किया अनुरोध

आज ये खबर आई कि भाजपा ने महाराष्ट्र में राज्यसभा उपचुनाव से अपने उम्मीदवार संजय उपाध्याय का नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस उम्मीदवार रजनी पाटिल की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पार्टी सदस्यों से विचार-विमर्श किया और पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में इस मामले पर सामूहिक निर्णय लिया। दरअसल इस सीट पर मई में कांग्रेस के मौजूदा सांसद राजीव सातव की कोरोना से निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव की स्थिति बनी। पिछले हफ्ते, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की थी और भाजपा उम्मीदवार की वापसी का अनुरोध किया था।

आंकड़ों का गणित

जहां भगवा पार्टी ने अपने मुंबई महासचिव संजय उपाध्याय को मैदान में उतारा था, वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद रजनी पाटिल  को  महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार के रूप में पेश किया। बता दें कि राज्य विधान सभा में 288 सदस्य राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का गठन करते हैं। संख्या के लिहाज से देखें तो कांग्रेस (44), एनसीपी (54) और शिवसेना (56) के पास एक साथ 154 सदस्य हैं, जबकि भाजपा के पास केवल 105 हैं। शेष 29 सदस्य छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से एमवीए 15 सदस्यों और भाजपा 14 सदस्यों के समर्थन का दावा है।

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