राज्यसभा में भाजपा ने कहा, कांग्रेस ने ओबीसी को 40 साल तक आरक्षण नहीं दिया

Congress did not implement the recommendations of various commissions on OBCs: BJP

भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग के समकक्ष संवैधानिक दर्जा दिया। मोदी सरकार ने ही संविधान में संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की।

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यसभा में कहा कि देश में लंबे समय तक शासन करने वाली यह पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हितैषी होने का दावा करती है लेकिन ओबीसी के उत्थान को लेकर गठित विभिन्न आयोगों की सिफारिशों को उसने लागू करने के बजाय हमेशा ठंडे बस्ते में ही डाला। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची बनाने से जुड़े राज्यों के अधिकारों को बहाल करने का प्रावधान करने वाले संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा में हिस्सा ले रहे भाजपा के सुशील मोदी ने कहा कि विभिन्न संसदीय समितियों के समक्ष केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसका इरादा राज्यों के अधिकार छीनने का नहीं है। उन्होंने सवाल किया ‘‘क्या राज्यों के अधिकार छीने जा सकते हैं?’’ उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से जानना चाहा कि काका कालेलकर आयोग की सिफारिशें कांग्रेस के कार्यकाल में क्यों नहीं लागू की गईं? मंडल आयोग की सिफारिशें नौ साल तक क्यों लागू नहीं की गईं? उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में पिछड़ों को अधिकार उन सरकारों के कार्यकाल में मिला जिनमें भाजपा शामिल थी।

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सुशील मोदी ने कहा ‘‘कांग्रेस 1950 में शासन में आई लेकिन उसने 40 साल तक काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट पर काम नहीं किया और पिछड़ों को न्याय नहीं दिया। मंडल आयोग ने 1980 में रिपोर्ट दी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछड़ों को तब भी न्याय नहीं दिया। जिस सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया, भाजपा उस समय उसका समर्थन कर रही थी। 1993 में पिछड़ा वर्ग आयोग बना और उसके बाद क्रीमी लेयर की समीक्षा का काम 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किया तथा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।’’ उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को भी कांग्रेस के कार्यकाल में संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया। बी के हांडिक आयोग ने पिछड़ा वर्ग के लिए आयोग बनाने की सिफारिश की थी लेकिन कांग्रेस ने इस पर अमल नहीं किया। भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग के समकक्ष संवैधानिक दर्जा दिया। मोदी सरकार ने ही संविधान में संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की।

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भाजपा सदस्य ने कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि जब भी यह मामला उच्चतम न्यायालय में आएगा तो जीत सरकार की होगी और देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इसका लाभ मिलेगा।’’ भाजपा सरकार को अजा, अजजा समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए सुशील मोदी ने कहा कि इन समुदायों पर अत्याचार रोकने के लिए कानून में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि नवोदय स्कूलों में आरक्षण की व्यवस्था की गई जिसके बाद हर साल चार लाख बच्चे इसका लाभ उठा रहे हैं। संविधान (एक सौ सत्ताइसवां संशोधन) विधेयक 2021 पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में न तो संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का चित्र लगाया और न ही उन्हें भारत रत्न सम्मान देना जरूरी समझा। विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सदस्य सुशील मोदी के यह कहने पर आपत्ति जताई। लेकिन पीठासीन अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि वह रिकॉर्ड देखेंगे। भाजपा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी के वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया और यहां तक कि मंत्रिपरिषद में भी उन्होंने 27 फीसदी आरक्षण का ध्यान रखा।

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