रमन सिंह को अजित जोगी के जरिए इस तरह घेर रही है कांग्रेस

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अंकित सिंह । Aug 8 2018 5:27PM

बटवांरे के बाद छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी कांग्रेस छोड़ अपनी खुद की पार्टी बना चुके हैं। अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस आगामी विधाम सभा चुनाव में लड़ेगी भी। पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी के मुताबिक पार्टी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बटवांरे के बाद छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी कांग्रेस छोड़ अपनी खुद की पार्टी बना चुके हैं। अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस आगामी विधाम सभा चुनाव में लड़ेगी भी। पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी के मुताबिक पार्टी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जोगी ने दावा किया है कि राज्य में इस वर्ष होने वाले चुनाव में वह बहुमत के साथ सरकार भी बनायेंगे। अजीत जोगी पहले ही विधानसभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बहुत पहले ही ​उम्मीदवारों के नामों की घोषणा को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पर सवाल यहां यह है कि अजीत जोगी आखिर किसको नुकसान पहुंचाएंगे?

कहने में तो यह आसान सी बात लगती है वहां की दो मुख्य पार्टी भाजपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। पर अगर दूसरे कोण से देखे तो कांग्रेस के लिए शायद अजीत जोगी ज्यादा नुकसान दायक हो सकते हैं। और यही कारण है कि समय-समय पर अजीत जोगी के कांग्रेस में लौट आने की खबरे भी आती हैं। पर इस बात के लिए ऊपर से ना तो अजीत जोगी राजी हैं और ना ही कांग्रेस। पर अंदर से देखें तो दोनो को एक दूसरे की जरूरत है। कांग्रेस जहां राज्य में सत्ता में वापसी के लिए रास्ते तलाश रही है वहीं अजित जोगी अपनी राजनीतिक जमीन बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटे हैं। दोनों के सामने चुनौती एक ही हैं और वह है रमन सिंह जैसे जनाधार और अनुभव वाले नेता को धूल चटाना। 

भले ही कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के फिर से कांग्रेस के साथ आने की अटकलों को सिरे से खारिज कर चुके हैं पर 'अजीत जोगी के लिए कांग्रेस के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं' यह कहना थोड़ा मुश्किल है। क्योकि राज्य के आदिवासियों और दलितों का वोट पाना है तो कांग्रेस के लिए अजीत जोगी जरूरी और मजबूरी दोनों हैं। वहीं अजीत जोगी की बात करे तो उन्होंने भी कांग्रेस में अपने वापसी की अटकलों को खारिज कर दिया है पर यह बात उन्हें भी पता है कि सत्ता के शीर्ष तक पहुचने के लिए किसी सहारे की जरूरत है। वह सहारा कांग्रेस पार्टी हो सकती है या फिर बसपा जैसी पार्टी के साथ गठबंधन कर आगे बढ़ना। अजीत जोगी की पार्टी राज्य में 12 फीसदी दलित मतदाताओं की बात को ध्यान में रखकर बसपा के साथ गठबंधन की कोशिश में है वही कांग्रेस भी इसी फिराक में है। 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं जिसमें 49 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का तथा 39 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हैं जबकि एक एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक हैं।

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