कांग्रेस का सवाल, अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट के लिए किसे जवाबदेह ठहराया जाए

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जीडीपी की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

नयी दिल्ली।  कांग्रेस ने देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कमी को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही गिरावट के लिए आखिर किसे जवाबदेह ठहराया जाए। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा ‘‘ सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि ‘नोटबंदी की विफलता’ और जीएसटी के ‘त्रुटिपूर्ण क्रियान्वयन’ के कारण ही अर्थव्यवस्था इस हालत में पहुंची है।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘पिछली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 फीसदी रही जो पिछली 44 तिमाहियों की सबसे कम विकास दर है। पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी 4.2 फीसदी रही जो गत 11 वर्षों में सबसे कम है।’’ कांग्रेस नेता ने कई अन्य आर्थिक मानकों में आई गिरावट का उल्लेख करते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के त्रुटिपूर्ण क्रियान्वयन के बाद से अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओरहै। ‘‘इसके बाद भी सरकार अपनी इन दोनों गलतियों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।’’ वल्लभ ने दावा किया कि विनिर्माण में विकास दर के शून्य रहने का मतलब यह है कि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में गिरावट से जुड़े इन आंकड़ों से साबित होता है कि कोविड-19 के पहले ही देश की अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ बढ़ चुकी थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘पिछले चार वर्षों से अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही गिरावट के लिए किसे जवाबदेह ठहराया जाए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ‘मेक इन इंडिया’ की विफलता के बारे में देश के सामने स्पष्टीकरण आना चाहिए। सरकार को सामने आकर नोटबंदी की विफलता और जीएसटी के त्रुटिपूर्ण क्रियान्वयन को स्वीकार करना चाहिए।’’ 

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गौरतलब है कि जीडीपी की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी। बीते पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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