कांग्रेस ने गलत इतिहास पढ़ाया कि भारत, महात्मा गांधी, नेहरु और इंदिरा की वजह से ही आजाद हुआ:चौहान

Shivraj Singh Chuahan

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि टंट्या मामा, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, भीम नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बिरसा मुंडा और कई अन्य क्रांतिकारियों का जीवन और भूमिका लोगों को कभी नहीं बताई गई।

भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आरोप लगाया कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरु और इंदिरा गांधी के योगदान से देश आजाद होने का दावा कर कांग्रेस ने लोगों को गलत इतिहास पढ़ाया है।

गौरव कलश यात्रा का शुभारंभ के अवसर पर आदिवासी क्रांतिकारी नायक टंट्या भील उर्फ टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘ आजादी का जो इतिहास हमें पढ़ाया गया वह इतिहास भी सही नहीं पढ़ाया गया। हमें बताया गया कि हिंदुस्तान को आजादी केवल महात्मा गांधी जी ने दिलाई, नेहरु जी (जवाहरलाल नेहरु) ने दिलाई, इंदिरा जी (इंदिरा गांधी) ने दिलाई। मैं महात्मा गांधी को प्रणाम करता हूं। बापू विश्व बंधु हैं, लेकिन कांग्रेस ने तो इतिहास तक गलत पढ़ाया।’’

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उन्होंने कहा कि टंट्या मामा, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, भीम नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बिरसा मुंडा और कई अन्य क्रांतिकारियों का जीवन और भूमिका लोगों को कभी नहीं बताई गई।

चौहान ने आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती के दिन जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि टंट्या मामा ने साहूकारों के शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई का नेतृत्व किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि टंट्या मामा ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटते थे और गरीबों में धन बांटते थे। उन्होंने कहा कि टंट्या मामला को अंग्रेजों ने धोखे से पकड़ा और जबलपुर की जेल में फांसी पर लटका दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार टंट्या मामा का सही इतिहास लोगों को पढ़ायेगी।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने एक आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के नाम पर रखा, न कि आदिवासी समुदायों के क्रांतिकारियों के नाम पर।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केवल एक परिवार का महिमामंडन किया जबकि बाकी शहीदों को भुला दिया गया लेकिन हम (भाजपा) इस ऐतिहासिक गलती को सुधार रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर टंट्या भील के वंशजों को सम्मानित किया और भील की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।

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गौरव कलश यात्रा मध्य प्रदेश के विभिन्नहिस्सों से गुजरने के बाद चार दिसंबर को टंट्या भील के शहादत दिवस पर इंदौर जिले के पातालपानी में संपन्न होगी।

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