कांग्रेस का तंज: हमारा GST विचार अब भाजपा ने माना, गब्बर सिंह टैक्स को सुधारा

अधीर रंजन चौधरी ने जीएसटी स्लैब कम करने की मांग पूरी होने का स्वागत किया, लेकिन इसे कांग्रेस की मूल भावना बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस के विचार को अपनाकर जीएसटी को "गब्बर सिंह टैक्स" में बदल दिया, जबकि कांग्रेस का लक्ष्य सरल कर प्रणाली था।
जीएसटी सुधार को लेकर कांग्रेस कई सवाल खड़े सरकार से कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह GST की भावना कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार की थी। हमारा उद्देश्य पूरे देश में GST लागू करना था और इसे कई स्लैब में नहीं, बल्कि 1-2 स्लैब में लागू करना था ताकि आम नागरिकों को रोज़गार पाने में ज़्यादा दिक्कत न हो। हमारी भावना को उधार लेते हुए, भाजपा ने बहुत ढिंढोरा पीटकर GST लागू किया।
इसे भी पढ़ें: अश्विनी वैष्णव का कांग्रेस पर पलटवार: UPA में था 'कर आतंक', अब GST से राहत
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस GST का उद्देश्य करों को सरल बनाना था, उसे इस NDA सरकार ने गब्बर सिंह टैक्स में बदल दिया। स्लैब कम करने की जो मांग सदन के अंदर और बाहर बार-बार की गई थी, वह अब पूरी हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध किया था।
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव रमेश ने एएनआई को बताया कि 2006 से 2014 तक, आठ साल तक, केवल एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया, और वह मुख्यमंत्री 2014 में प्रधानमंत्री बने और 2017 में यू-टर्न लेते हुए जीएसटी के मसीहा के रूप में उभरे। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में घोषित जीएसटी सुधार सीमित हैं क्योंकि वे एमएसएमई क्षेत्र की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को दूर करने में आसानी प्रदान नहीं करते हैं। जीएसटी में हालिया सुधार सीमित हैं। एमएसएमई क्षेत्र की प्रक्रियात्मक जटिलताओं को दूर करने की आवश्यकता पूरी नहीं हुई है।
इसे भी पढ़ें: GST सुधारों से मिलेगी अर्थव्यवस्था को नई गति, बढ़ेगा रोजगार, सीएम योगी का दावा
रमेश ने कहा कि जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2006 में पेश किया था और 2010 में इसे विधेयक के रूप में पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि जब ट्रंप ने टैरिफ लगाए, तो सरकार कर ढांचे में सुधार करने के लिए मजबूर हुई और अब वे इसे उत्सव की तरह मना रहे हैं। वे आठ साल देर से आए हैं। जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रखा था। 2010 में इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया गया था।
अन्य न्यूज़













