विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद G-23 के नेताओं ने की चर्चा, जवाबदेही सुनिश्चित करने की उठ सकती है मांग

Ghulam Nabi Azad
प्रतिरूप फोटो

कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद ‘जी 23’ समूह के नेताओं की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

नयी दिल्ली। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए। इन नेताओं की ओर से फिलहाल सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समितिमें शामिल जी 23 के नेता कार्य समिति की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं। जी 23 समूह प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं। 

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कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद ‘जी 23’ समूह के नेताओं की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और उम्मीद जताई कि कांग्रेस बहुत जल्द जनता का विश्वास फिर से जीतेगी। 

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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने ट्वीट किया, ‘‘50 साल के मेरे राजनीतिक करियर में मैंने कई उतार और चढ़ाव देखे हैं। विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखना दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि सिर्फ हम फासीवादी ताकतों से लड़ सकते हैं। हम जल्द जनता का विश्वास फिर से जीत लेंगे।’’ खड़गे के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता सलमान सोज ने कहा, हमें समावेशी होने की जरूरत है। हमें साथियों और साझेदारों की जरूरत है। यह उन सबकी लड़ाई है जो आरएसएस-भाजपा का विरोध करते हैं और आइडिया ऑफ़ इंडिया में विश्वास करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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