यहां समझौता करने नहीं आए, कॉनराड संगमा ने मणिपुर में अलग प्रशासन की बातों को किया खारिज

Conrad Sangma
ANI
अभिनय आकाश । Oct 10 2025 4:24PM

इम्फाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यहां मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने नहीं आए हैं। राज्य के भीतर प्रशासनिक ढांचे कैसे काम कर सकते हैं, इस पर हमेशा चर्चा हो सकती है, लेकिन मणिपुर को पूरी तरह से विभाजित करना हमारा रुख नहीं है।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर में अलग प्रशासन की किसी भी मांग के खिलाफ अपने और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के रुख को दृढ़ता से दोहराया है। संगमा वर्तमान में राज्य में शांति के लिए सुझाव मांगने हेतु नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) और सामुदायिक नेताओं से मिलने मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी मणिपुर में चल रहे तनाव के बीच आई है, जहाँ अलग-अलग मांगों और सामुदायिक चिंताओं ने क्षेत्र की शांति को खतरे में डाल दिया है। इम्फाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यहां मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने नहीं आए हैं। राज्य के भीतर प्रशासनिक ढांचे कैसे काम कर सकते हैं, इस पर हमेशा चर्चा हो सकती है, लेकिन मणिपुर को पूरी तरह से विभाजित करना हमारा रुख नहीं है। 

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संगमा ने सभी समुदायों से सार्थक संवाद में शामिल होने की अपील की और कठोर रुख अपनाने के प्रति आगाह किया जो दुख को और बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा अगर हम अपने रुख पर अड़े रहेंगे और मुद्दों पर ध्यान नहीं देंगे, तो हम कहीं नहीं पहुँच पाएँगे। संवाद और समझ आगे बढ़ने की कुंजी हैं। कई नागा नागरिक समाज संगठनों द्वारा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) और सीमा बाड़ लगाने के बारे में उठाई गई चिंताओं के जवाब में संगमा ने व्यापक परामर्श की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र से निर्णय लेने से पहले स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया और कहा राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए। जब ​​बातचीत खुली होती है तो आगे बढ़ने का रास्ता हमेशा खुला रहता है। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विचार-विमर्श के दौरान पिछले परामर्शों से तुलना की। 

संगमा ने मौजूदा संकट से निपटने के लिए एनपीपी द्वारा उठाए गए कदमों का ज़िक्र किया, जिसमें विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से औपचारिक संवाद भी शामिल है। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले, हमने गृह मंत्रालय को लिखा था कि विश्वास बहाली के लिए कुछ किया जाना चाहिए। लोगों का नेतृत्व पर से भरोसा उठ गया था। पार्टी ने इससे पहले राजनीतिक गठबंधनों पर जनहित को प्राथमिकता देते हुए पिछली भाजपा-नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

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