संविधान, आरक्षण बचानेके लिए जिला स्तर पर जन-आंदोलन की जरूरत: उदित राज

constitution-mass-movement-needed-at-district-level-to-save-reservation-says-udit-raj
[email protected] । Dec 2 2019 9:31AM

विभिन्न अन्य दलित संगठनों के समर्थन से एआईसीएसओ ने इस रैली का आयोजन किया जिसमें देश के विभिन्न भागों के लोगों ने भाग लिया।

नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकार कार्यकर्ता उदित राज ने रविवार को आरोप लगाया कि संविधान खतरे में है और इसे बचाने के लिए एक जन-आंदोलन की जरूरत है, अन्यथा वंचितों के लिए आरक्षण ‘‘केवल कागज पर ही रह जाएगा।’’

रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने निजीकरण, बेरोजगारी और ईवीएम में छेड़छाड़ के मुद्दे भी उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है और यदि हमने एक साथ मिलकर प्रयास नहीं किए तो यह आरक्षण भी केवल कागजों पर ही रह जायेगा...और यदि हम संविधान बचाना चाहते हैं, आरक्षण बचाना चाहते हैं तो इस आंदोलन की, जिसकी आज हमने शुरुआत की है, उसे सभी राज्यों और जिलों में लेकर जाने की जरूरत है।’’ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ (एआईसीएसओ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद उदित राज को 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। दलित नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हर साल दो करोड़ नौकरियों के सृजन का वादा किया गया था, लेकिन इसकी जगह करोड़ों की नौकरियां छीन ली गईं।’’

इसे भी पढ़ें: बुलेट ट्रेन परियोजना पर महाराष्ट्र सरकार लगा सकती है ब्रेक, उद्धव ने दिए समीक्षा के आदेश

विभिन्न अन्य दलित संगठनों के समर्थन से एआईसीएसओ ने इस रैली का आयोजन किया जिसमें देश के विभिन्न भागों के लोगों ने भाग लिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फेसबुक पर हिंदी में किए गए एक पोस्ट में रैली को अपना समर्थन दिया। उदित राज ने कहा कि संविधान ‘‘खतरे’’ में है , जिसके लिए न केवल सरकार जिम्मेदार है, बल्कि लोग भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘दलित संबंधित मुद्दा भावनात्मक हो या दलित नेताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी होने पर लोग एकत्र हो सकते हैं लेकिन जब दलित अधिकारों या आरक्षण मुद्दों की बात आती है तो लोग बड़ी मुश्किल से एकत्र होते है।’’ उन्होंने कहा कि देश के लोग ‘‘भाग्य भरोसे’’ रहने वाले और सिर्फ बातों से काम चलाने वाले हैं, उन्हें उम्मीद रहती है कि कोई तारणहार आयेगा और उनकी समस्याओं को दूर करेगा। पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यदि देश के लोग ऐसे होंगे तो उसका संविधान खतरे में रहेगा। हांगकांग को देखिये लाखों लोग बड़ी संख्या में सरकार के खिलाफ विरोध करने को आगे आये।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़