राज्यसभा चुनाव में 10वीं सीट के लिए जोर आजमाइश करेगी बसपा, 8 सीटों पर भाजपा की जीत लगभग तय
बसपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रामजी गौतम ने दस विधायकों के हस्ताक्षर के जरिये अपना नामांकन पत्र प्राप्त कर लिया है और सोमवार को उसे दाखिल करेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले माह नौ नवंबर को राज्यसभा की 10 सीटों पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दसवीं सीट पर जोर-आज़माइश के लिए तैयार दिख रही है। हालांकि, उसके पास चुनाव जीतने के लिए अपेक्षित संख्या बल का अभाव है। सूत्रों के मुताबिक बसपा ने अपने राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है जो सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। बसपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रामजी गौतम ने दस विधायकों के हस्ताक्षर के जरिये अपना नामांकन पत्र प्राप्त कर लिया है और सोमवार को उसे दाखिल करेंगे।
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राज्यसभा के चुनाव में संख्या बल के आधार पर आठ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एकतरफा जीत दिख रही है जबकि एक सीट पर आराम से समाजवादी पार्टी (सपा)को जीत मिल जाएगी। कांग्रेस और सुहेलेदेव भारतीय समाज पार्टी जैसे दल मिलकर चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। बसपा नेता का कहना है कि अगर सभी मिलकर भाजपा को रोकना चाहते हैं तो वे हमारा समर्थन करेंगे। हालांकि, इस संदर्भ में अभी तक उनसे हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है। इस बीच विधानसभा सचिवालय ने पुष्टि की कि रामजी गौतम के नाम पर बसपा ने नामांकन पत्र लिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूदा समय में भाजपा के 304 सदस्य हैं जबकि भाजपा को समर्थन दे रहा अपना दल (सोनेलाल) के पास नौ विधायक हैं। भाजपा आठ सीट आसानी से जीत सकती है जबकि नौवीं पर भी उसकी नजर टिकी है। विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी सपा अपने 48 सदस्यों की बदौलत एक सीट आसानी से जीत सकती है जबकि उसके बचे हुए वोट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस बीच बुधवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने पार्टी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
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विश्लेषकों का कहना है कि इससे साफ है कि अब सपा सिर्फ एक सीट पर ही लड़ेगी और अपने बचे वोटों से वह कोई नया समीकरण बना सकती है। उत्तर प्रदेश कोटे से राज्यसभा में 25 नवंबर को रिक्त होने वाली दस सीटों में इस समय भाजपा के पास तीन, सपा के पास चार, बसपा के पास दो और कांग्रेस के पास एक सीट है। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी के अनुसार 403 सदस्यों वाले सदन में मौजूदा समय में 395 सदस्य हैं। राज्यसभा सीट जीतने के लिए एक उम्मीदवार को 37 विधायकों के मतों को प्राप्त करना जरूरी है।
सदन में भाजपा के 304 और सपा के 48 सदस्यों के अलावा बसपा के 18, अपना दल (एस) के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार और अन्य छोटे दलों समेत पांच निर्दलीय विधायक हैं। राज्य में विधानसभा की सात सीटों के लिए चल रहे उप चुनाव में तीन नवंबर को मतदान होना है, जिसके नतीजे दस नवंबर को घोषित होंगे। उत्तर प्रदेश के कोटे से 25 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे दस राज्यसभा सदस्यों में भाजपा के तीन - केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह और नीरज शेखर शामिल हैं।
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समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर राम गोपाल यादव, चंद्रपाल सिंह यादव, राम प्रकाश वर्मा और जावेद अली खान और बसपा के राजाराम और वीर सिंह के कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनके साथ ही कांग्रेस के पीएल पूनिया का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है।
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