मदरसों पर MP की संस्कृति मंत्री का विवादास्पद बयान, कांग्रेस की मांग- चुनाव आयोग ले संज्ञान

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ठाकुर ने यहां भाजपा के आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, बच्चे, बच्चे और विद्यार्थी, विद्यार्थी होते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि सभी धर्मों के विद्यार्थियों को सामूहिक रूप से समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही है और विद्वेष का भाव फैला रही है।

इंदौर। मदरसों को लेकर मध्यप्रदेश की अध्यात्म एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के मंगलवार को दिए बयान पर विवाद खड़ा हो गया, जब विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को होने वाले उप चुनावों के प्रचार को सांप्रदायिक एजेंडे की तरफ मोड़ने का प्रयास कर रही है। अध्यात्म एवं संस्कृति मंत्री ने अपने बयान में मदरसों को सरकारी खजाने से मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद किए जाने की पैरवी की है। उन्होंने यह दावा भी किया कि देश के सारे कट्टरवादी और आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं। ठाकुर ने यहां भाजपा के आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, बच्चे, बच्चे और विद्यार्थी, विद्यार्थी होते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि सभी धर्मों के विद्यार्थियों को सामूहिक रूप से समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही है और विद्वेष का भाव फैला रही है। 

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उन्होंने कहा, वे (मदरसे) कौन-सी संस्कृति पढ़ा रहे हैं? यदि आप इस देश के नागरिक हैं, तो आप देखिए कि सारे कट्टरवादी और सारे आतंकवादी मदरसों में पले और बढ़े हैं। जम्मू-कश्मीर को आतंकवादियों की फैक्टरी बनाकर रख दिया गया था। ठाकुर ने कहा, ऐसे मदरसे जो विद्यार्थियों को राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते, उन्हें हमें समुचित शिक्षा व्यवस्था के साथ जोड़ना चाहिए और समाज को सबकी प्रगति के लिए साथ आना चाहिए। भाजपा नेता ने एक सवाल पर कहा, असम में (सरकार द्वारा संचालित) मदरसे बंद करने का फैसला करके दिखा दिया गया है। राष्ट्रवाद में बाधा डालने वाली सारी चीजें राष्ट्रहित में बंद होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी वर्ग के लोग निजी खर्च पर कोई संस्थान चलाकर विद्यार्थियों को धार्मिक संस्कार देना चाहते हैं, तो देश का संविधान उन्हें इसकी छूट देता है। लेकिन मदरसों को सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद होनी चाहिए। 

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ठाकुर ने कहा, मुझे लगता है कि वक्फ बोर्ड आर्थिक दृष्टि से दुनिया का सबसे मजबूत संगठन है। मदरसों में खर्च की कोई व्यवस्था की जानी है, तो वक्फ बोर्ड के माध्यम से की जा सकती है। लेकिन मदरसों में खर्च को लेकर सरकारी स्तर पर कोई अतिरिक्त व्यवस्था किया जाना अन्य वर्गों के हक को छीनने वाली बात होगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने मांग की कि मदरसों को लेकर सूबे की अध्यात्म एवं संस्कृति मंत्री के विवादास्पद बयान का चुनाव आयोग द्वारा तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए। सलूजा ने कहा, भाजपा बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने में माहिर है। अब भाजपा उप चुनावों के प्रचार को सांप्रदायिक एजेंडा की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है और ठाकुर का बयान उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है।

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