राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने SC से कहा, कोर्ट अयोग्यता कार्यवाही में नहीं कर सकता हस्तक्षेप

CP Joshi

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को निलंबित या अयोग्य ठहराने का फैसला ले।

नयी दिल्ली। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि उच्च न्यायालय को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इन बागी विधायकों में उप मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट भी शामिल हैं। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में एक पीठ ने जोशी की उस याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें शीर्ष अदालत के 1992 के किहोटो होलोहन मामले में दिए फैसले का जिक्र किया गया है। उस फैसले के अनुसार अदालत संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष द्वारा की गई अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

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जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को निलंबित या अयोग्य ठहराने का फैसला ले। पीठ के उस सावाल के जवाब में सिब्बल ने यह बात कही, जिसमें उसने पूछा था किअध्यक्ष के विधायकों को निलंबन या आयोग्य ठहराने के फैसले में अदालत हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं। मामले की सुनवाई अभी जारी है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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