सीयूईटी राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करता : धर्मेंद्र प्रधान

Dharmendra Pradhan
ANI Twitter.

तमिलनाडु विधानसभा ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा पेश एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसमें केंद्र से सीयूईटी का विचार त्यागने का आग्रह किया गया था। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “चूंकि, शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए केंद्र सरकार को भी देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय करने का अधिकार है।”

नयी दिल्ली|  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी को पत्र लिखकर कहा कि संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करती है।

तमिलनाडु विधानसभा ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा पेश एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसमें केंद्र से सीयूईटी का विचार त्यागने का आग्रह किया गया था। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “चूंकि, शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए केंद्र सरकार को भी देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय करने का अधिकार है।”

उन्होंने कहा, “सीयूईटी का मकसद कोचिंग लेने की आवश्यकता को समाप्त करना है। यह परीक्षा माध्यम के रूप में 13 भाषाओं के चयन का विकल्प देती है और पहुंच बढ़ाते हुए वित्तीय बोझ को कम करती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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