सियाचिन ग्लेशियर पर भारत की पकड़ बनाए रखने वाले कर्नल नरेंद्र बुल का निधन, नंदा पर्वत से लेकर एवरेस्ट पर की थी चढ़ाई
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नल बुल के निधन पर ट्वीट करते हुए उनके निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। साथ ही कहा कि कर्नल नरेंद्र 'बुल' कुमार (सेवानिवृत्त) ने असाधारण साहस और परिश्रम के साथ देश की सेवा की।
साल 1984 में सियाचिन ग्लेशियर में पाकिस्तानी घुसपैठ का पता लगाने वाले सेना के पर्वतारोही कर्नल नरेंद्र कुमार का सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। नरेंद्र कुमार बुल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी। अधिकारियों ने बताया कि उनका निधन उम्र संबंधी जटिलताओं की वजह से हुआ है।
पहाड़ों के साथ विशेष बंधन को किया जाएगा याद
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नल बुल के निधन पर ट्वीट करते हुए उनके निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। साथ ही कहा कि कर्नल नरेंद्र 'बुल' कुमार (सेवानिवृत्त) ने असाधारण साहस और परिश्रम के साथ देश की सेवा की। पहाड़ों के साथ उनका विशेष बंधन याद किया जाएगा। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।
कौन हैं कर्नल बुलAn irreparable loss! Colonel Narendra 'Bull' Kumar (Retired) served the nation with exceptional courage and diligence. His special bond with the mountains will be remembered. Condolences to his family and well wishers. Om Shanti. https://t.co/hTQvGJobxM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 31, 2020
कर्नल नरेंद्र कुमार बुल का जन्म 1933 में अविभाजित भारत के रावलपिंडी में हुआ था। 1953 में कर्नल बुल देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी से कुमांऊ रेजिमेंट में शामिल हुए थे। भारत ने पाकिस्तानी गतिविधियों पर कर्नल कुमार की जमीनी रिपोर्ट के बाद रणनीतिक रूप से अहम ग्लेशियर और आसपास के दर्रों पर पूर्ण नियंत्रण के लिए अप्रैल 1984 में ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया था। भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र कर्नल कुमार को बुल कुमार के नाम से जाना जाता था। उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहियों में से एक माना जाता था। कर्नल नरेंद्र कुमार को देश के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म श्री के साथ ही अर्जुन पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने का गौरव भी हासिल किया था। साल 1964 में नंदा देवी पर्वत पर चढ़ने वाले पहले भारतीय बने थे।
भारतीय सेना ने भी जताया शोक
सेना ने कहा, सैनिक पर्वतरोही। भारतीय सेना कर्नल बुल कुमार को श्रद्धांजलि देती है – सैनिक पर्वतरोही जो पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। कर्नल नरेंद्र बुल कुमार का आज निधन हो गया। वह अत्यंत समर्पण, साहस और वीरता की गाथा छोड़कर गए हैं। इसके साथ ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी कर्नल नरेंद्र के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सालतोरो रेंज और लद्दाख के दूसरे इलाकों पर हमारा वर्चस्व कर्नल बुल की साहसिक यात्राओं का ही हिस्सा है। उनका नाम हमेशा सेना के समृद्ध इतिहास में याद रखा जाएगा।
Our strong posturing on the Saltoro Ridge and in other areas of Ladakh are a part of his adventurous travels. His name will forever remain etched in the rich history of our Army: Chief of Defence Staff General Bipin Rawat https://t.co/8AYToH7Sxm
— ANI (@ANI) January 1, 2021
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