रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में हालात की समीक्षा की

सरकारी सूत्रों ने बताया कि सैनिकों को हटाने का पहला चरण पूरा होने वाला है। ऐसे में दोनों पक्ष अगले सप्ताह की शुरुआत में कमांडर स्तर की चौथे दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं जिसमें दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों को पीछे हटाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैगोंग सो के फिंगर 4 क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के लिए बनी आपसी सहमति के पहले चरण के क्रियान्वयन पर विस्तृत ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी और साथ ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात के अलावा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के सभी संवेदनशील इलाकों में मौजूदा स्थिति के बारे में भी उन्हें अवगत कराया।We also agreed to take forward the agreements in the field of defence industry and technology cooperation between India & RoK.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 10, 2020
Views on the regional developments of shared security interests were also exchanged during the telephonic conversation.
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सरकारी सूत्रों ने बताया कि सैनिकों को हटाने का पहला चरण पूरा होने वाला है। ऐसे में दोनों पक्ष अगले सप्ताह की शुरुआत में कमांडर स्तर की चौथे दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं जिसमें दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों को पीछे हटाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने अस्थायी कदम के तौर पर गतिरोध वाले तीन इलाकों- गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम पूरा कर लिया है।
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