महाराष्ट्र विकास आघाडी में तनाव से विभागों के बंटवारे में देरी?

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[email protected] । Dec 11 2019 7:12PM

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि शिवसेना संभवत: गृह और शहरी विकास विभाग अपने पास रखेगी जबकि गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सिंचाई, आवास और वित्त विभाग मिलेगा। उनके मुताबिक कांग्रेस जिसकी गठबंधन में सबसे कम 44 सीटें हैं उसे राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग मिल सकता है।

मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठित महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर इंतजार लंबा होता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह रेखांकित करता है कि अहम विभागों को लेकर एमवीए के घटकों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) में सहमति नहीं बन पा रही है। आधिकारिक रूप से सहयोगी दलों ने गठबंधन में तनाव से इनकार किया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि उप मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस की ओर से कुछ विभागों की मांग को लेकर पेंच फंसा है। 

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि शिवसेना संभवत: गृह और शहरी विकास विभाग अपने पास रखेगी जबकि गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सिंचाई, आवास और वित्त विभाग मिलेगा। उनके मुताबिक कांग्रेस जिसकी गठबंधन में सबसे कम 44 सीटें हैं उसे राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग मिल सकता है। नियमों के मुताबिक महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। पिछले महीने अप्रत्याशित राजनीतिक परिस्थिति में गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आई इन पार्टियों ने विभागों के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच को दूर करने के लिए कई दौर की बातचीत की है। खबरों के मुताबिक राकांपा के नेता अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं। 

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राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 23 नवंबर को पार्टी की नीतियों का उल्लंघन करते हुए भाजपा से गठबंधन कर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। बहरहाल, यह सरकार महज 80 घंटे तक अस्तित्व में रही। अजित पवार ने हाल में कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह उप मुख्यमंत्री बनें। माना जा रहा है कि 21 दिसंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र संपन्न होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। इस बीच, एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस ने कहा कि अहम विभाग नहीं मिलने से पार्टी नाराज है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें या तो आवास या उद्योग विभाग मिलना चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व ने अबतक विभागों के बंटवारे को मंजूरी नहीं दी है।’’

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