दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब, शनिवार तक सुधरने की उम्मीद
प्रणाली के अनुसार पंजाब में पराली जलाने की लगभग तीन हजार घटनाएं सामने आई। शहर में पूर्वाह्न 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 397 दर्ज किया गया। चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा , 51 और 100 के बीच संतोषजनक , 101 और 200 के बीच मध्यम , 201 और 300 के बीच खराब , 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। सीपीसीबी के डेटा के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे पीएम10 का स्तर 424 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो इस मौसम में सर्वाधिक है। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे के पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 231 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया। भारत में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 2.5 के स्तर को सुरक्षित माना जाता है। नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब के अधिकांश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई। सफर के अनुसार, पीएम2.5 संक्रेंद्रण में पराली जलाने का योगदान दिल्ली में 36 प्रतशित रहा। यह बुधवार को 18 प्रतिशत, मंगलवार को 23 प्रतिशत, सोमवार को 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत रहा। सफर ने कहा कि सतह पर हवा की गति बढ़ने और वातायन की बेहतर परिस्थितियों से शनिवार तक हालात में ‘‘काफी’’ सुधार की उम्मीद है। भाषा हवा की गति धीमी होने और पराली इत्यादि जलाने की घटनाएं बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई।#WATCH: Air pollution continues to rise in Delhi as Air Quality Index (AQI) deteriorates; morning visuals from India Gate. pic.twitter.com/saqeLK3wwY
— ANI (@ANI) October 30, 2020
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केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली की ओर से कहा गया कि बुधवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई जिसके कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य भागों में वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। प्रणाली के अनुसार पंजाब में पराली जलाने की लगभग तीन हजार घटनाएं सामने आई। शहर में पूर्वाह्न 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 397 दर्ज किया गया। चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था। शादीपुर (405), पटपड़गंज (411), जहांगीरपुरी (429) और विवेक विहार (432) समेत 16 निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि बुधवार को हवा की गति कम थी, जिसके कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो गए। उन्होंने कहा, “कुछ समय की राहत के बाद शाम तक वायु गुणवत्ता पुनः बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई।” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 के संकेंद्रण में पराली जलाने का योगदान बुधवार को 18 प्रतिशत था। हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वे बिखर जाते हैं।
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