दिल्ली के रण से पहले भाजपा में मंथन, तिवारी पर खेलगी दांव या संगठन में होगा बड़ा बदलाव

भाजपा के लिए दिल्ली में अपने संगठन को एकजुट करना एक बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि आतंरिक गुटबाजी और कलह की वजह से 15 साल तक सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस के हश्र के रूप में बीजेपी के सामने एक बेमिसाल उदाहरण मौजूद है। एकजुटता का लिटमस टेस्ट करने के लिए उसके सामने अगले महीने होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव के रूप में एक बेहतरीन अवसर भी है। क्योंकि यह अक्सर देखा गया है कि छात्र संघ चुनाव खासकर दिल्ली के युवाओं का मिजाज बताते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली जिसने पिछले एक साल के भीतर अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्री खो दिए हैं। चाहे वो तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हो या दिल्ली की पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज या फिर पूर्व सीएम मदन लाल खुराना। दिल्ली में विधानसभा चुनाव में छह महीने से भी कम वक्त शेष रह गया है। ऐसे में दिल्ली की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में किसे गद्दी पर बिठाना चाहती है ये सबसे बड़ा और अहम सवाल है। क्योंकि दिल्ली के मिजाज को भांपना और वोटरों की पसंद को नाप पाना हमेशा से बेहद कठिन रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की जिसके बाद से यह कयास लगाए जाने लगे कि इस जीत के बाद लग रहा है कि बीजेपी एकतरफा जा रही है। लेकिन विधानसभा चुनाव की आने वाली लड़ाई लोकसभा से कई मायनों में अलग होगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी फेवरेट पार्टी हो जाती है। लेकिन विधानसभा चुनाव में दिल्ली में अन्य पार्टियों पर ही जनता विश्वास करती है।
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जब छोटे स्तर का चुनाव आता है तो गुटबाजी उतनी मुखर होकर सामने आती है। दिल्ली में बीजेपी के कई अलग-अलग खेमे बने हैं। मनोज तिवारी का एक अलग खेमा है। मनोज तिवारी के साथ जो नेता खड़े हैं वो नए हैं। वैसे तो मनोज तिवारी के नेतृत्व में पार्टी ने हाल के सदस्यता अभियान में 15 लाख से ज्यादा नए सदस्य (आईटी सेल की जानकारी) बनाए हैं। पिछली बार 2015 में उसकी सदस्य संख्या 22 लाख थी। इस तरह वह 37 लाख से ज्यादा सदस्य संख्या कर चुकी है। यह संख्या हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को मिले कुल वोटों से भी ज्यादा है। मनोज तिवारी 30 नवंबर 2016 को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष बने थे और इसी साल उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। अगले नवंबर में वो एक बार फिर तीन साल के लिए नियुक्त किये जा सकते हैं? ये बड़ा सवाल है। मनोज तिवारी की मदद के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली का प्रभारी बनाया है।
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