दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई के सामने पेश हुए

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सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी। एक महीने बाद 25 नवंबर को सीबीआई ने मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था। सीबीआई के आरोप पत्र में सिसोदिया का नाम नहीं था क्योंकि उस समय उनके और अन्य संदिग्धों व आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच जारी थी।

नयी दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दूसरे दौर की पूछताछ शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि सिसोदिया राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सीबीआई कार्यालय पहुंचे। पूछताछ से पहले उप मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरते। उन्होंने कहा, “जब मैंने एक पत्रकार के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी थी, तो मेरी पत्नी ने मेरा साथ दिया और आज भी, मेरा परिवार मेरे साथ खड़ा है। अगर मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मेरे कार्यकर्ता मेरे परिवार की देखभाल करेंगे।”

सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी। एक महीने बाद 25 नवंबर को सीबीआई ने मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था। सीबीआई के आरोप पत्र में सिसोदिया का नाम नहीं था क्योंकि उस समय उनके और अन्य संदिग्धों व आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच जारी थी। एजेंसी शराब व्यापारियों व राजनेताओं के साथ कथित संबंधों, गवाहों द्वारा दर्ज बयानों में किए गए दावों समेत आबकारी नीति से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में सिसोदिया से पूछताछ करेगी।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सिसोदिया के “करीबी सहयोगी” दिनेश अरोड़ा के कबूलनामे, “साउथ लॉबी” के कथित सदस्यों और नीति को अपने पक्ष में कराने वाले राजनेताओं व शराब कारोबारियों के समूह से मिली जानकारी के आधार पर सिसोदिया के लिए सवालों की विस्तृत सूची तैयार कर रखी है। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस प्रदान करने की दिल्ली सरकार की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। इस आरोप का आम आदमी पार्टी (आप) खंडन कर चुकी है।

सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं।’’ प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया है कि इन कृत्यों से मिले अवैध लाभ को निजी पक्षों ने अपने बहीखातों में गलत प्रविष्टियां दर्ज करके संबंधित लोक सेवकों को पहुंचाया था।’’ सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्हें पिछले रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने बजट संबंधी कामकाज का हवाला देते हुए पेश होने के लिए समय मांगा था। जिसके बाद, सीबीआई ने उन्हें 26 फरवरी को उपस्थित होने के लिए कहा था।

हाल में, सीबीआई ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरांतला को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि बाबू ने प्राथमिकी में नामजद कई अभियुक्तों से दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में मुलाकात की थी और वह “साउथ लॉबी” के प्रमुख वार्ताकारों में से एक था। “साउथ लॉबी” 2021-22 की आबकारी नीति अपने पक्ष में कराना चाहती थी, जिसे निरस्त किया जा चुका है। सीबीआई ने पिछले साल दिसंबर में इस मामले के सिलसिले में कविता से भी पूछताछ की थी। सीबीआई को जांच के दौरान सबूत मिले थे कि बाबू ने “साउथ लॉबी” की ओर से काम किया, जिसमें कविता, युवजन श्रमिक रायतू (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी के सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, और अरबिंदो फार्मा कंपनी के पी. शरत चंद्रा रेड्डी शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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