दिल्ली सरकार पर बरसे भाजपा सांसद बिधूड़ी, राजनीतिक उद्देश्य के चलते नगर निगमों को नहीं दे रही पैसा

Ramesh Bidhuri
प्रतिरूप फोटो

लोकसभा में ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि ‘‘एक ही परिवार, एक ही पार्टी सत्ता भोगती रहे इसलिए आनन-फानन’’ में निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था।

नयी दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण को प्रदेश की जनता की भलाई के लिये जरूरी कदम बताता, साथ ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर ‘राजनीतिक मकसद से नगर निगमों को धन नहीं देने का आरोप लगाया। लोकसभा में ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि ‘‘एक ही परिवार, एक ही पार्टी सत्ता भोगती रहे इसलिए आनन-फानन’’ में निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था। 

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दक्षिण दिल्ली से सांसद बिधूड़ी ने कहा कि 2011-12 में दिल्ली नगर निगम के विभाजन के समय केंद्र और दिल्ली दोनों जगह कांग्रेस सरकार की थी। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली के आम और गरीब लोग निगम में चुनकर आने लगे तो ‘एक परिवार की स्तुति’ करने वालों को यह रास नहीं आया। भाजपा सांसद ने दावा किया कि दिल्ली की मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार ने अदालत के आदेश के बावजूद नगर निगमों को उनका बकाया धन नहीं दिया। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया कि दिल्ली वित्तीय आयोग की निगमों को धन देने संबंधी सिफारिश नहीं मानेंगे।

भाजपा सांसद के मुताबिक सरकार ने विधानसभा में कहा था कि निगमों को 17 हजार करोड़ रुपये देंगे लेकिन केवल 6,031 करोड़ रुपये दिये। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री, भाजपा से राजनीतिक लड़ाई का बदला प्रदेश की ढाई करोड़ जनता से ले रहे हैं और इसी कारण से उन्होंने निगमों को पैसा नहीं दिया। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कर, पार्किंग और बांड जारी करने जैसे उपायों से अपना राजस्व बढ़ाने के तीनों नगर निगमों के प्रस्तावों को भी मंजूर नहीं किया। 

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उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री गरीबों का पैसा रोककर राजनीति कर रहे हैं। दिल्ली में सफाई कर्मियों, शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा, विधवाओं को पेंशन नहीं मिल रही। बिधूड़ी ने कहा कि इसलिए दिल्ली के तीनों नगर निगमों का एकीकरण जरूरी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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