दिल्ली में पारा 43.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, गत 12 साल में अप्रैल का सबसे गर्म दिन

Temperature Rise
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मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली ‘कोर हीटवेव जोन’ में पड़ता है जिसका अभिप्राय है कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के साथ यह देश का सबसे अधिक भीषण गर्मी संभावित क्षेत्र है। उत्तर पश्चिम भारत में मार्च के आखिरी सप्ताह से ही सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है।

नयी दिल्ली| दिल्ली ने बुधवार को भीषण गर्मी का सामना किया और सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तामपान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो गत 12 साल में अप्रैल महीने में सबसे अधिक है।

राष्ट्रीय राजधानी में इससे पहले 18 अप्रैल 2010 को सबसे अधिक 43.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था जबकि 29 अप्रैल 1941 को अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था जो अप्रैल महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड है।

उल्लेखनीय है कि सफदरजंग वेधशाला में दर्ज आंकड़ों को पूरी दिल्ली के लिए मानक माना जाता है।दिल्ली के स्पोर्ट काम्प्लेक्स में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो राष्ट्रीय राजधानी का सबसे गर्म स्थान रहा। मौसम विभाग के मुताबिक रिज में 45.1 डिग्री, मुंगेशपुर में 45.8 डिग्री, नजफगढ़ में 45.4 डिग्री और पीतमपुरा में 45.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है।

स्वतंत्र मौसम विज्ञानी नवदीप दहिया ने बताया, ‘‘ राजस्थान के चुरु, बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान45 डिग्री सामान्य है लेकिन उत्तर भारत के मैदान में अप्रैल के अंत में 45 से 46 डिग्री अधिकतम तापमान काफी असमान्य है।’’

भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है और शहर वासियों को शुक्रवार को भीषण गर्मी की चेतावनी दी है। आईएमडी चार रंग आधारित मौसम चेतावनी जारी करता है जिसमें ‘हरे’ (ग्रीन) रंग का अभिप्राय है कि किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं है, ‘पीले’ (येलो) रंग का अभिप्राय है कि ध्यान रखिए और अद्यतन रहिए, ‘नारंगी’(ऑरेंज) का अभिप्राय है कि तैयार रहिए और ‘लाल’ (रेड) रंग का अभिप्राय है कि कार्रवाई कीजिए।

आईएमडी ने कहा कि सफदरजंग वेधशाला में शुक्रवार को पारा 44 डिग्री के पार जाने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार और रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं, हल्की बारिश हो सकती है और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है जिससे अस्थायी रूप से गर्मी से राहत मिल सकती है। दिल्ली में अप्रैल महीने में नौ दिन भीषण गर्मी की स्थिति रही जो वर्ष 2010 में अप्रैल महीने के 11 दिनों के बाद सबसे अधिक है।

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली ‘कोर हीटवेव जोन’ में पड़ता है जिसका अभिप्राय है कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के साथ यह देश का सबसे अधिक भीषण गर्मी संभावित क्षेत्र है। उत्तर पश्चिम भारत में मार्च के आखिरी सप्ताह से ही सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आम तौर पर इस मौसम में नियमित अंतराल पर होने वाली बारिश और गरज-चमक के अभाव में यह स्थिति है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियों में कमी की वजह से इस साल ऐसाहो रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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