अग्निवीर बनने के लिए जाति प्रमाण पत्र की मांग, खूब हो रही राजनीति, सेना की ओर से भी आई सफाई

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ANI
अंकित सिंह । Jul 19 2022 11:48AM

संजय सिंह के इस ट्वीट पर भाजपा की ओर से भी जवाब दिया गया है। भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया है कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है।

जब से सेना में भर्ती के लिए सरकार की ओर से अग्निपथ योजना को लाया गया है, विपक्ष इसको लेकर लगातार सवाल उठा रहा है। एक बार फिर से सेना की भर्ती को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सवाल उठा दिए हैं। अपने ट्वीट के जरिए संजय सिंह ने दावा किया कि भारत के इतिहास में पहली बार 'सेना भर्ती' में जाति पूछी जा रही है। अपने ट्वीट में संजय सिंह ने लिखा कि मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर”।

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भाजपा का पलटवार

संजय सिंह के इस ट्वीट पर भाजपा की ओर से भी जवाब दिया गया है। भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया है कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है। हालाँकि इसने प्रशासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को एक रेजिमेंट में उचित ठहराती है। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा कि हर चीज के लिए पीएम मोदी को दोष देने की इस सनक का मतलब है कि संजय सिंह जैसे लोग हर दिन मुंह में पैर रखते हैं। सेना की रेजीमेंट प्रणाली अंग्रेजों के जमाने से ही अस्तित्व में है। स्वतंत्रता के बाद, इसे 1949 में एक विशेष सेना आदेश के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था। मोदी सरकार ने कुछ नहीं बदला। 

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सेना ने क्या कहा

इन सबके बीच संजय सिंह के आरोपों को सेना की ओर से साफ तौर पर खारिज कर दिया गया है। सेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी भर्ती से पहले उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र पहले भी मांगा जाता था। इस लेकर अग्निपथ योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 से 21 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए रक्षा बलों में केवल चार साल के लिए भर्ती होने का प्रावधान है, जिनमें से 25 प्रतिशत को अतिरिक्त 15 साल के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। 

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