लोकतंत्र खतरे में नहीं, राहुल के कारण कांग्रेस ‘राजनीतिक तबाही’ की ओर : स्मृति ईरानी

Smriti Irani
ANI

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई उनकी हालिया टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में नहीं है, लेकिन विदेशों में उन्होंने (राहुल ने) जिस तरह का ‘व्यवहार’ किया, उससे उन्होंने विपक्षी पार्टी को ‘राजनीतिक तबाही’ की ओर धकेल दिया है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई उनकी हालिया टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में नहीं है, लेकिन विदेशों में उन्होंने (राहुल ने) जिस तरह का ‘व्यवहार’ किया, उससे उन्होंने विपक्षी पार्टी को ‘राजनीतिक तबाही’ की ओर धकेल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए उनका द्वेष भारत के प्रति द्वेष में बदल चुका है। उन्होंने वायनाड के सांसद से इस प्रकरण पर संसद में माफी की भी मांग की। ज्ञात हो कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है।

इसे भी पढ़ें: Atal-Advani का उद्धव ठाकरे ने किया जिक्र, भाजपा से पूछा- सरकार बनाने के लिए हिंदू धर्म किसने छोड़ा?

उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की इन टिप्पणियों से देश में एक नया राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। भाजपा जहां उन पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने और विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विदेशों में भारत की आंतरिक राजनीति का मुद्दा उठाने के उदाहरणों का हवाला देते हुए सत्तारूढ़ पार्टी पर पलटवार कर रही है। ईरानी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि ‘‘भारत के औपनिवेशिक अतीत के चरणों में’’ गांधी ने भारत के लोकतंत्र में ‘‘विदेशी हस्तक्षेप की कमी’’ पर अफसोस जताया।

इसे भी पढ़ें: शौच के लिये गई नाबालिग लड़की से दरिंदो ने किया सामूहिक बलात्कार, तीन आरोपी हिरासत में

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की मजबूत विकास गाथा को रोकने के लिए है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में कांग्रेस नेता की बातचीत के आधार में कई ‘झूठ’ थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधी ने दावा किया कि उन्हें भारतीय विश्वविद्यालयों में बोलने नहीं दिया जाता है और उनके लिए यह लोकतंत्र की मौत का संकेत है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता ने 2016 में राष्ट्रीय राजधानी में एक विश्वविद्यालय का दौरा किया था और ‘‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’’ के नारे का समर्थन किया था। ईरानी ने आरोप लगाया कि गांधी ने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर में इसी सज्जन ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहा था कि भारत में सब ठीक है।’’ उन्होंने पूछा, ‘‘मिस्टर गांधी, आपकी कौन सी बात झूठी थी? भारत में आपका बयान या इंग्लैंड में आपका बयान?’’ ईरानी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में अपनी बातचीत के दौरान न केवल देश की संसद की भव्यता पर हमला किया, बल्कि भारत के उच्चतम न्यायालय और भारत के निर्वाचन आयोग जैसे संस्थानों की सर्वोच्चता पर भी हमला किया। राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए ईरानी ने सवाल किया, ‘‘जब गांधी परिवार कांग्रेस के सदस्यों को कागज फाड़कर लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर फेंकने का निर्देश देता है तो क्या यह लोकतंत्र है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब गांधी परिवार राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों को किताबें फाड़ने और मेज पर चढ़ने के साथ ही सभापति को अपमानित करने का निर्देश देता है, तो क्या यह लोकतंत्र है?’’

ईरानी ने कहा कि आज हर भारतीय नागरिक गांधी से माफी की मांग करता है क्योंकि संसद महज सांसदों का समागम नहीं है, बल्कि यह भारत के लोगों की आवाज है और उनकी इच्छा व आकांक्षाओं का ‘‘संवैधानिक प्रतिबिंब’’ है। ईरानी ने आरोप लगाया, ‘‘यह शर्मनाक है कि राहुल गांधी संसद में आने और भारत के खिलाफ अपने अलोकतांत्रिक प्रलाप के लिए माफी मांगने के बजाय आज संसद से अनुपस्थित रहने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमान गांधी, लोकतंत्र खतरे में नहीं है। आपने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। विदेशों में देश के खिलाफ आपने जो व्यवहार किया, उसके लिए भारत के लोग कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक रूप से तबाही की ओर धकेल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणी लोकतांत्रिक व्यवस्था और देश में वोट डालने वालेहर नागरिक का अपमान है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीत और हार राजनीति में राजनीतिक परंपराओं का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, राष्ट्र नीति कहती है कि अगर आप राजनीतिक लाभ के लिए देश की संसद को अपने पैरों तले कुचलने की हिम्मत करते हैं, तो देश जवाब की मांग करेगा। संसद जवाब की मांग करेगी।’’ उन्होंने मांग की कि संसद से भागने के बजाय गांधी को देश के लोगों, संविधान और मतदाताओं का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़