रात 9 बजे प्रोटोकॉल तोड़कर राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे धनखड़, इस्तीफे को लेकर बड़ा खुलासा

रात करीब 9:25 बजे उपराष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी आधिकारिक घोषणा की। इस्तीफे के बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। स्थिति की गंभीरता इस बात से स्पष्ट है कि उनके इस्तीफे को लेकर शुरू हुई चर्चाएँ अभी भी जारी हैं।
21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक अटकलों का दौर शुरू कर दिया है और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इसी बीच, एक अहम खुलासा हुआ है। धनखड़ सोमवार (21 जुलाई) देर रात 9 बजे राष्ट्रपति भवन पहुँचे। गौरतलब है कि राष्ट्रपति भवन में सभी गतिविधियाँ सख्त प्रोटोकॉल के तहत होती हैं और धनखड़ के अप्रत्याशित आगमन से सरकारी गलियारों में हलचल मच गई। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति को धनखड़ के अनिर्धारित दौरे की सूचना तुरंत दे दी गई। इसके बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ आनन-फानन में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें धनखड़ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। रात करीब 9:25 बजे उपराष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी आधिकारिक घोषणा की। इस्तीफे के बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। स्थिति की गंभीरता इस बात से स्पष्ट है कि उनके इस्तीफे को लेकर शुरू हुई चर्चाएँ अभी भी जारी हैं।
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धनखड़ के इस्तीफे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर मुलाकात की। बताया जा रहा है कि लगभग 30 मिनट तक चली इस बैठक में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था और आज इसका तीसरा दिन है। पहले दो दिन हंगामे के कारण बाधित हो चुके हैं। 21 जुलाई को न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दोनों सदनों में पेश किया गया था, जिसके बाद धनखड़ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद आज पहली बार उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता में राज्यसभा कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक होगी। धनखड़ के नेतृत्व में 21 जुलाई को हुई पिछली बीएसी बैठक में कई सदस्य अनुपस्थित रहे थे - संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा शामिल नहीं हुए थे। इन सभी घटनाक्रमों के बीच, विपक्ष संसद के अंदर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। वह बिहार मतदाता सूची संशोधन, एसआईआर रिपोर्ट, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर सहित कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा है।
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