भाजपा ने चोरी छिपाने के लिए राहुल के बयान को ओबीसी के खिलाफ बतायाः Digvijay

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दिग्विजय ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘एक भी ओबीसी का नाम बताएं जो देश का धन लेकर विदेश भागा हो। चोरी छिपाने के लिए ओबीसी को आगे कर दिया। इनको माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा और (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी से जुड़े लोगों की चोरी छिपाने के लिए भगवा पार्टी बैंकों से पैसा निकालकर देश से फरार होने वालों के मुद्दे पर हमारी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खिलाफ बता रही है। दिग्विजय ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘एक भी ओबीसी का नाम बताएं जो देश का धन लेकर विदेश भागा हो। चोरी छिपाने के लिए ओबीसी को आगे कर दिया। इनको माफी मांगनी चाहिए।

एक भी ओबीसी देश का धन लेकर भगोड़ा नहीं हुआ, लेकिन भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को ओबीसी के खिलाफ कर दिया।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘भगोड़े हैं भाजपा और मोदी से जुड़े लोग। राहुल गांधी ने इन्हें चोर कहा तो क्या बुरा किया। बैंकों की चोरी की और ये लोग धर्म की आड़ में लूट रहे हैं, ठग रहे हैं। किसान निधि में 6,000 रुपए किसानों को दिए, लेकिन खाद, बिजली एवंअन्य माध्यम से 30 हजार रुपये वापस ले लिए। यह कौन सा सम्मान है और अब फसल का मूल्य तक नहीं मिल रहा है।’’

दिग्विजय ने कहा कि मोदी सरकार देश में चीन और रूस जैसा लोकतंत्र चाहती है, जहां पर विपक्ष को जेल में डाल दो, झूठे केस कर दो, सदस्यता समाप्त कर दो। यही भाजपा, आरएसएस और मोदी के लोकतंत्र का मॉडल है।’’ उन्होंने सूरत की एक अदालत के निर्णय से लेकर राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने पर कई सवाल उठाए।

दिग्विजय ने कहा, ‘‘2019 में कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने भाषण दिया। उसके बाद सूरत में मानहानि का मामला दायर हुआ। जैसे ही राहुल गांधी ने संसद में सात फरवरी को मोदी से सवाल पूछा, वैसे ही भाजपा की वो टीम सक्रिय हो गई, जो झूठी खबरें चलाती है और सूरत की अदालत के केस को तेज किया जाता है। उच्च न्यायालय से रोक वापस लिया जाता है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हालांकि मेरा न्यायिक व्यवस्था के प्रति पूरा सम्मान है, फिर एक व्यक्ति (जज साहब) की पोस्टिंग होती है और 27 फरवरी से सुनवाई होती है।

23 मार्च को निर्णय आता है और 24 घंटे के भीतर संसद की सदस्यता समाप्त हो जाती है। जैसा मैने सुना है कि जज को दोहरी पदोन्नति दी गयी है, जहां तक मेरी जानकारी है। अब यही क्रोनोलॉजी विपक्षी दलों को भी समझ में आ गई है और उन्होंने साथ दिया, जिसके प्रति उनके आभारी हैं।’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने पूछा था कि 20,000 करोड़ रूपये अडाणी के पास कहां से आए। कंपनी के निदेशक चीन का भी है। कौन सी कंपनी है। उसकी जांच होनी चाहिए। अडाणी, हिडनबर्ग से जुड़े सवालों पर मोदी परेशान हो गए।

संसद के भाषणों से सवाल विलोपित कर दिए गये।’’ उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच के लिए बननी चाहिए। बोफोर्स तोप में केवल 64 करोड़ रुपए का मामला था। विपक्ष की मांग पर जेपीसी बनी। संसद में सात बार जेपीसी बन चुकी है। एक बार तो कोका कोला की जांच के लिए जेपीसी बनी थी। इस मामले की जांच पर जेपीसी क्यों नहीं बननी चाहिए?’’

उल्लेखनीय है कि केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में गत बृहस्पतिवार को दो साल की सजा सुनायी जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को यह सजा सुनाई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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