K Annamalai का आरोप, तमिलनाडु में जाति विभाजन और नफरत का मुख्य कारण DMK है

K Annamalai
ANI
अंकित सिंह । Sep 12 2023 3:00PM

अन्नामलाई ने साफ तौर पर कहा कि डीएमके तमिलनाडु में जाति विभाजन और नफरत पैदा करने का प्रमुख कारण है, और डीएमके सांसद ने जो गंदगी की है उसके लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराने का साहस किया है।

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि राज्य में जातिगत भेदभाव के लिए द्रविड़ मॉडल जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया, ''70 वर्षों से द्रविड़ मॉडल टू-टंबलर सिस्टम और जातिगत भेदभाव जैसे मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं है।'' उन्होंने चेन्नई में वल्लुवर कोट्टम के पास पार्टी के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि “वे इसके लिए सनातन धर्म को दोष क्यों दे रहे हैं? वहीं, अन्नामलाई ने एक वीडियो भी साक्षा किया है। उन्होंने लिखा कि डीएमके सांसद ए राजा ने हिंदू धर्म को भारत और दुनिया के लिए खतरा बताया।

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अन्नामलाई ने साफ तौर पर कहा कि डीएमके तमिलनाडु में जाति विभाजन और नफरत पैदा करने का प्रमुख कारण है, और डीएमके सांसद ने जो गंदगी की है उसके लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराने का साहस किया है। पार्टी ने द्रमुक मंत्रियों उदयनिधि स्टालिन और पी.के. के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। पार्टी ने सनातन धर्म के मुद्दे पर द्रमुक मंत्रियों उदयनिधि स्टालिन और पीके शेखरबाबू के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था और हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री के रूप में शेखरबाबू के इस्तीफे की मांग की थी। उनके अनुसार, उदयनिधि और शेखरबाबू अपने रुख पर दृढ़ हैं। उनका मानना ​​है कि अगर मुद्दा लोगों के विरोध में बदल जाएगा तभी कोई समाधान निकलेगा। इससे पहले, विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म किसी के खिलाफ नहीं है।

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के अन्नामलाई ने सोमवार को राज्य के हिंदू धर्मादा मंत्री पीके शेखर बाबू के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हुए धरना दिया। अन्नामलाई यहां हाल में हुए सनातन धर्म विरोधी सम्मेलन में बाबू की भागीदारी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। सम्मेलन में द्रमुक नेता एवं राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई टिप्पणियों से देश में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। बाबू के खिलाफ नुंगमबक्कम में विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करने के बाद अन्नामलाई ने धर्मादा कार्यालय की ओर जुलूस का नेतृत्व किया और फिर सड़क पर धरने पर बैठ गए। उनके अनेक समर्थक भी इस धरने में शामिल हुए। उन्होंने सनातन धर्म विरोधी सम्मेलन में बाबू की भागीदारी पर आपत्ति जताई और कहा कि मंत्री को अपने पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

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