आतंक के सामने नहीं झुकेंगे, हिंसा का रास्ता छोड़ें युवा: मोदी

[email protected] । Aug 15 2016 3:57PM

आतंकवाद के आगे भारत के नहीं झुकने का पुरजोर ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से हिंसा का रास्ता अपनाने वाले युवाओं से मुख्यधारा में शामिल होने को कहा।

आतंकवाद के आगे भारत के नहीं झुकने का पुरजोर ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा का रास्ता अपनाने वाले युवाओं से मुख्यधारा में शामिल होने को कहा और यह भी कहा कि बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की जनता पर पाकिस्तान के अत्याचारों का मुद्दा उठाने के लिए इलाके के लोगों ने उनका शुक्रिया अदा किया है। हालांकि मोदी ने कश्मीर घाटी का कोई जिक्र नहीं किया जहां हिज्बुल आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा देखी जा रही है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को महिमामंडित करने और भारत में लोगों के मारे जाने की खुशी मनाने का आरोप लगाया। मोदी ने वानी का नाम नहीं लिया लेकिन जाहिर तौर पर ऐसा बोलकर उन्होंने उसी का जिक्र किया जिसे पाकिस्तान ने शहीद का दर्जा दिया।

कड़ी सुरक्षा के बीच स्वतंत्रता दिवस पर देश के लिए अपने 93 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘लाल किले की प्राचीर से मैं कुछ लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। बलूचिस्तान, गिलगित और पीओके की जनता का। जिस तरह से उन्होंने हाल ही में मुझे शुक्रिया अदा किया, उसके लिए, मेरे प्रति आभार जताने के लिए, तहेदिल से मुझे शुक्रिया अदा करने के उनके तरीके के लिए और अपना सद्भाव मुझ तक पहुंचाने के लिए।’’ पहली बार स्वतंत्रता दिवस के भाषण में किसी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले अशांत क्षेत्रों का जिक्र किया है। यह बयान दो दिन पहले कश्मीर पर एक सर्वदलीय बैठक में मोदी की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बलूचिस्तान में और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के इलाकों में पड़ोसी देश द्वारा किये गये अत्याचारों को उजागर करने का समय आ गया है।

मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि भारत और पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों के संदर्भ में दोनों देशों के व्यवहार को देखें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब पेशावर के एक स्कूल में आतंकी हमले में बच्चे मारे गये थे तो हमारी संसद में आंसू थे। भारतीय बच्चे आतंकित थे। यह हमारी मानवीयता का उदाहरण है लेकिन दूसरी तरफ देखिए जहां आतंकवाद को महिमामंडित किया जाता है।’’ मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद और हिंसा के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का आह्वान किया। उनके इस बयान को कश्मीर के युवाओं के लिए संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे युवाओं से कहता हूं कि अभी समय है, लौट आइए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए। अपने माता-पिता की आकांक्षाओं को समझिए। शांतिपूर्ण जीवन बिताइए। हिंसा के रास्ते से कभी किसी को कुछ नहीं मिला।’’

अपनी खास पहचान बन गये आधी आस्तीन के कुर्ते और राजस्थानी पगड़ी पहने मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण के अधिकतर हिस्से में अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और खासतौर पर अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने में, कारोबार करना सुगम बनाने में और गरीबों तथा किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में सरकार के कार्यों का ब्योरा पेश किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दो घोषणाएं भी कीं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन 20 प्रतिशत बढ़ाने और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए एक लाख रुपये तक के चिकित्सा खर्च को सरकार द्वारा वहन किये जाने का ऐलान किया।

पिछले कुछ दिनों में दलितों पर अत्याचार के खिलाफ अपनी बात रख चुके मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय पर आधारित मजबूत समाज के बिना मजबूत देश नहीं बन सकता। उन्होंने जातिवाद या छूआछूत जैसी सदियों पुरानी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए ‘सख्त और संवेदनशील’ रवैये की वकालत की। सामाजिक समरसता को देश की प्रगति की कुंजी बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, संत रामानुजाचार्य, बी.आर. अंबेडकर...हमारे सभी संतों और शिक्षकों ने सामाजिक एकता पर जोर दिया है। जब समाज बंटता है तो साम्राज्य बंटता है। जब समाज स्पृश्य और अस्पृश्य, उंची और नीची जातियों में बंट जाता है तो ऐसा समाज नहीं चल सकता।’’ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ (सुधार, काम करने और बदलाव) की रणनीति को अपनाने की कोशिश करते हैं वहीं लोक-लुभावन चीजों से बचते हैं। उन्होंने कहा कि स्वशासन से सुशासन की ओर बढ़ना पूरे देश का संकल्प है जिसके लिए बलिदान चाहिए होंगे। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पिछली सरकार आरोपों से घिरी थी जबकि उनकी सरकार अपेक्षाओं से घिरी है। उन्होंने कहा, ‘‘जब उम्मीद आकांक्षाओं को बल देती है तो हमें सुराज की ओर तेजी से बढ़ने की ऊर्जा मिलती है।’’ प्रधानमंत्री ने कारोबार करना सुगम बनाने में, भ्रष्टाचार से निपटने में, गरीब जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने में और किसानों को लाभ पहुंचाने में उनकी सरकार की विभिन्न पहलों का ब्योरा भी दिया।

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