ड्रैगन का नया सीमा कानून, भारत ने आपत्ति जताई तो चीन ने दी सफाई
चीन ने नए सीमा कानून को मंजूरी दी है। चीन के इस कदम पर भारत ने अपनी आपत्ति जताई है। भारत और भूटान दो ऐसे देश हैं जिनके साथ चीन को अभी सीमा समझौतों को अंतिम रूप देना है, जबकि बीजिंग 12 अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद सुलझा चुका है।
पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के बीच चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने 23 अक्टूबर को नए सीमा कानून को मंजूरी दी है। जिसको लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद चीन की तरफ से नए कानून को लेकर सफाई भी दी गई है। भारत और भूटान दो ऐसे देश हैं जिनके साथ चीन को अभी सीमा समझौतों को अंतिम रूप देना है, जबकि बीजिंग 12 अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद सुलझा चुका है।
भारत ने जताई आपत्ति
भारत ने चीन पर ‘एकतरफा’ ढंग से नया भूमि सीमा कानून लाने के लिये निशाना साधते हुए कहा कि वह उम्मीद करता है कि चीन कानून के परिप्रेक्ष में ऐसा कोई कदम उठाने से बचेगा जिससे भारत चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव आ सकता हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन का कानून लाने का निर्णय चिंता का विषय है क्योंकि इस विधान का सीमा प्रबंधन पर वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों तथा सीमा से जुड़े सम्पूर्ण प्रश्नों पर प्रभाव पड़ सकता है।
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चीन ने सफाई देते हुए इसे बताया सामान्य घरेलू कानून
कानून पर भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के एक दिन बाद चीन ने पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है। चीन ने कहा कि उसका नया भूमि सीमा कानून मौजूदा सीमा संधियों के कार्यान्वयन को प्रभावित नहीं करेगा और संबंधित देशों को सामान्य कानून के बारे में अनुचित अटकलें लगाने से बचना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “यह एक सामान्य घरेलू कानून है जो हमारी वास्तविक जरूरतों को पूरा करता है और अंतरराष्ट्रीय परिपाटी की पुष्टि भी करता है।
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