समझौते से पहले ईबीसी आरक्षण का अध्ययन करेंगे: हार्दिक

अहमदाबाद। गुजरात सरकार की ओर से सवर्णों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) को 10 प्रतिशत आरक्षण घोषित होने के बाद जेल में बंद पाटीदार आरक्षण आंदोलन नेता हार्दिक पटेल ने आज कहा कि वह आरक्षण को लेकर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने से पहले इस निर्णय का अध्ययन करेंगे। यद्यपि सरकार के साथ बातचीत में शामिल समुदाय के नेता यह कहते हुए पटेल आंदोलन समाप्त करने पर जोर दे रहे हैं कि समुदाय की दो प्रमुख मांगें पूरी हो गई हैं।
हार्दिक पटेल ने यहां से करीब 90 किलोमीटर दूर मेहसाणा जिले के विसनगर में एक अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पहले सरकार की ओर से किये गए निर्णय का अध्ययन करूंगा और यदि वह समुदाय के पक्ष है तो मैं निश्चित तौर पर (आरक्षण गतिरोध को लेकर सरकार के साथ) समझौता करूंगा।’’ 22 वर्षीय हार्दिक को पड़ोसी जिले में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले के सिलसिले में अदालत लाया गया था। हार्दिक न्यायिक हिरासत में है और कई आरोपों का सामना कर रहे हैं जिसमें राजद्रोह का आरोप भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं (पटेल) समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण के मामले को उस पर अच्छी तरह से अध्ययन करने के बाद उठाउंगा। शांति के लिए मुद्दे का हल जरूरी है..और यह दोनों ही पक्षों के लिए जरूरी है कि वे मुद्दे पर एक समझौता करें।’’
भाजपा सरकार की ओर से सवर्ण जतियों में से गरीबों (जिनके परिवार की वार्षिक आय छह लाख रूपये से कम है) के लिए नौकरी एवं शिक्षा में ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) आरक्षण घोषित होने के बाद यह हार्दिक की पहली प्रतिक्रिया है। इस आरक्षण के दायरे में पाटीदार भी आएंगे। शुक्रवार को हार्दिक की ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति’ (पीएएएस) ने इस कदम को खारिज करते हुए इसे भाजपा और राज्य सरकार की ओर से उनके समुदाय को ‘‘भ्रमित’’ करने के लिए एक और ‘‘लॉलीपॉप’’ बताया था। कृषि प्रधान समुदाय पाटीदारों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए आंदोलन का पीएएएस नेतृत्व कर रहा था।
इस बीच आंदोलनरत पटेलों और सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे नेताओं ने आज मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। उन्होंने बाद में कहा कि आंदोलन अब समाप्त होना चाहिए क्योंकि समुदाय की दो प्रमुख मांगे पूरी हो गई हैं जिसमें आरक्षण और राजद्रोह के आरोप में जेलों में बंद युवाओं को रिहा करना शामिल था। दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर रही समिति के सदस्य महेश सवानी ने कहा कि सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है। छह पाटीदार युवकों में से पांच (जो जेल में बंद थे और उन्हें अदालतों से जमानत मिल गई) को रिहा करने के बाद उसने 10 प्रतिशत ईबीसी आरक्षण घोषित कर दिया है।
सवानी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि 10 प्रतिशत आरक्षण एक बड़ा कदम है। अब हम ईबीसी आरक्षण पर विस्तृत जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। एक बार वह हमें मिल जाएगा हम समुदाय के सदस्यों से मिलेंगे और उन्हें इसके बारे में समझाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी दो मांगें..कि राजद्रोह के आरोप के तहत जेल में बंद नेताओं को रिहा किया जाए और सरकार पटेल युवकों को आरक्षण मुहैया कराये..हमें सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हार्दिक की रिहायी के बारे में मुख्यमंत्री ने हमसे कहा कि कानूनी प्रणाली में विश्वास रखें। इसलिए हम महसूस करते हैं कि हार्दिक की रिहायी के प्रति सरकार का सकारात्मक रूख और 10 प्रतिशत आरक्षण यह दिखाता है कि आंदोलन अब समाप्त होने को है।’’ हार्दिक राजद्रोह के दो मामलों में जेल में बंद हैं। यह निर्णय शुक्रवार को गुजरात भाजपा के कोर समूह की एक बैठक में किया गया जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे।
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