मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, महामारी के बीच EC ने अपने भरोसे के दम पर कराया बिहार चुनाव

sunil arora

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि एक तरह से मैं कहूंगा कि हमें (चुनाव आयोग को) हतोत्साहित किया गया कि महामारी के बीच चुनाव क्यों कराये जा रहे हैं।

नयी दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराने से चुनाव आयोग को ‘‘हतोत्साहित’’ किया गया था लेकिन चुनाव आयोग का मानना था कि ‘‘अपने भरोसे के दम पर चुनाव कराना है, अंधेरे में छलांग नहीं लगानी है।’’ पहले की परम्परा को तोड़ते हुए बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की समाप्ति पर बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त भी शामिल हुए। सामान्य तौर पर संबंधित उप चुनाव आयुक्त ही संवाददाता सम्मेलन करते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके साथी चुनाव आयुक्त लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: बिहार में पहले चरण में 53.54 फीसदी हुआ मतदान, 71 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद 

अरोड़ा ने कहा, ‘‘ एक तरह से मैं कहूंगा कि हमें (चुनाव आयोग को) हतोत्साहित किया गया कि महामारी के बीच चुनाव क्यों कराये जा रहे हैं। लेकिन आपको याद होगा कि मैंने 25 सितम्बर (जब बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित किए गए थे) को कहा था कि चुनाव आयोग के लिए यह भरोसे की बात है न कि अंधेरे में छलांग लगाना है।’’ बहरहाल, उन्होंने यह नहीं कहा कि चुनाव आयोग को किसने हतोत्साहित किया था। कुछ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से अपील की थी कि महामारी के कारण चुनाव स्थगित कर दिए जाएं।

अरोड़ा ने कहा कि बिहार विधानसभा के प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत शाम पांच बजे तक 52.24 फीसदी था। चुनाव आयोग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि  अनुमानित वोट प्रतिशत 2015 के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों से ज्यादा होने की आस थी। उन्होंने कहा कि जिन 16 जिलों में इस चरण में चुनाव हुए उनमें से 12 वाम चरमपंथ से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘12 में से चार जिले नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित हैं।’’ उन्होंने चुनाव के सुचारू संचालन पर खुशी जताई। 

इसे भी पढ़ें: भाजपा ने चुनाव आयोग में की दिग्विजय सिंह और आचार्य प्रमोद कृष्णन की शिकायत 

सीईसी ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनावों में पहले चरण में 54.94 फीसदी मतदान हुआ था जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में यह आंकड़ा 53.54 फीसदी था। चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि उम्मीद थी कि‘‘अनुमानित’’ मत प्रतिशत पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तुलना में ज्यादा रहेगा। बिहार में तीनचरणों के विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में बुधवार को सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 71 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। ईवीएम के प्रभारी उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का काम ‘‘काफी संतोषप्रद’’ था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़