ED ने हिरासत में पूछताछ की मांग की, चिदंबरम ने कहा- आजादी का हनन नहीं हो सकता
![ed-demands-custodial-interrogation-chidambaram-said-freedom-cannot-be-violated ed-demands-custodial-interrogation-chidambaram-said-freedom-cannot-be-violated](https://images.prabhasakshi.com/2019/8/_650x_2019083008571281.png)
चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उनके रुतबे को देखते हुए जमानत की ‘सुरक्षित छत्रछाया’ में उनसे सवाल जवाब करना असंभव होगा।
नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पी चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि उनके पास ‘संसाधन, बुद्धिमत्ता और उपाय’ हैं, वहीं पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें बिना वैध कारण के गिरफ्तार करके आजादी के उनके अधिकार को समाप्त नहीं किया जा सकता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ से कहा कि धनशोधन ‘समाज और देश’ के खिलाफ अपराध है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है तथा पूरी साजिश को उजागर करना जांच एजेंसी की जिम्मेदारी है।
#UPDATE The Court has changed the date from September 4 to 5. Interim protection granted by the Court to P Chidambaram in ED case also extended till September 5. https://t.co/zrcmFhGw8w
— ANI (@ANI) August 29, 2019
चिदंबरम के वकील ने कहा कि स्वतंत्रता ‘एकतरफा यातायात’ नहीं है और अगर ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार है तो उन्हें भी संविधान के तहत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है। पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर फैसला पांच सितंबर के लिए सुरक्षित रखा। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में अपनी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उनके रुतबे को देखते हुए जमानत की ‘सुरक्षित छत्रछाया’ में उनसे सवाल जवाब करना असंभव होगा।
इसे भी पढ़ें: ईडी की गिरफ़्तारी से चिदंबरम को राहत, SC अग्रिम जमानत पर 5 सितंबर को सुनायेगा फैसला
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास इस बात को दर्शाने के लिए सामग्री है कि आपराधिक तरीकों का इस्तेमाल और धनशोधन 2009 के बाद और अब तक चलता रहा।’’ चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रवर्तन निदेशालय को चुनौती दी कि चिदंबरम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा कोई एक दस्तावेज, संपत्ति या विदेशी बैंक खाता दिखाएं। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम संसद सदस्य हैं और उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में सारी जानकारी अधिकारियों को दी है।
अन्य न्यूज़