चुनाव से पहले बढ़ सकती हैं पवार की मुश्किलें, सहकारी बैंक घोटाला में ED ने दर्ज किया केस

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[email protected] । Sep 25 2019 8:37AM

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के कदम से कोई हैरानी नहीं हुई।

नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार व अन्य के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ का बताया जा रहा है। हालांकि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के कदम से कोई  हैरानी  नहीं हुई। पवार ने व्यंग्यात्मक लहजे में केंद्रीय एजेंसी को उस बैंक से संबंधित मामले में नाम घसीटने के लिये धन्यवाद दिया, जिसके वह  ना तो सदस्य हैं और न ही किसी भी तरह से इसके निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल हैं। 

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सत्तारूढ़ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि उसने नियमों और प्रक्रिया के अनुसार कदम उठाए हैं। पवार ने यहां पत्रकारों से कहा,  अगर उन्होंने मेरे खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं। मुझे तब आश्चर्य होता जब राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी यात्राओं के दौरान मुझे मिली प्रतिक्रिया के बाद भी मेरे खिलाफ ऐसी कार्रवाई न की जाती। इस बीच आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मंगलवार को इस मामले में राकांपा नेता अजित पवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए दावा किया कि यह  किसानों के चीनी सहकारी आंदोलन का व्यापक विनाश था। 

इससे पहले अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के तुल्य मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की गई है। यह मामला मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी की एफआईआर में शरद पवार का नाम दर्ज किया गया है। यह मामला ऐसा समय दर्ज किया गया है जब महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि आरोपियों को एजेंसी द्वारा जल्द ही उनके बयान दर्ज करने के लिये समन किया जाएगा। 

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ईडी मामले में आरोपियों में दिलीपराव देशमुख, इशरलाल जैन, जयंत पाटिल, शिवाजी राव, आनंद राव अदसुल, राजेंद्र शिंगाने और मदन पाटिल शामिल हैं। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर इस साल अगस्त में मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के आरोप में आपराधिक आरोप लगाए हैं। ईओडब्ल्यू से बंबई उच्च न्यायालय ने मामला दर्ज करने को कहा था। इससे पहले न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस के शिंदे ने कहा था कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ “विश्वसनीय साक्ष्य” हैं। पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एक जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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