सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने का कदम स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करेगा: महबूबा

Mehbooba Mufti
प्रतिरूप फोटो

मीर पर हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करने और अपने दो सहकर्मियों की हत्या का प्रयास करने का आरोप है। केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन ने संविधान के अनुच्छेद 311 (दो) (सी) के तहत गठित एक समिति के सुझाव के बाद उक्त कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी।

श्रीनगर| पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पांच कर्मचारियों को बर्खास्त करने पर जम्मू कश्मीर प्रशासन को बुधवार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि यह कदम स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करेगा।

प्रशासन ने बुधवार को पुलिस कांस्टेबल तौसीफ अहमद मीर समेत पांच सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

मीर पर हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करने और अपने दो सहकर्मियों की हत्या का प्रयास करने का आरोप है। केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन ने संविधान के अनुच्छेद 311 (दो) (सी) के तहत गठित एक समिति के सुझाव के बाद उक्त कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी।

इस अनुच्छेद के तहत राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच के बर्खास्त किया जा सकता है। महबूबा ने ट्वीट किया, “ एक तरफ तो भारत सरकार जम्मू कश्मीर में असैन्य पदों के लिए पूरे भारत से सेवानिवृत्त सुरक्षा कर्मियों को भर्ती कर रही है।

लेकिन उसी वक्त, वे जानबूझकर कश्मीरी सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं ताकि प्रशासन में संलुतन को बदला जा सके और स्थानीय लोगों को शक्तिहीन किया जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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