कृषि बिल पर विपक्ष के झांसे में नहीं आएंगे किसान: राजीव रंजन

Rajiv Ranjan

धीरे-धीरे करके अलग अलग घटक राजद से अलग हो रहे हैं और गठबंधन के अंदर हम पार्टी के बाद एक दूसरे घटक के द्वारा तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के मुकाबले में विकल्प के तौर पर नहीं मानने के बाद अब एक बार फिर साफ हो गया है कि जल्द दूसरे बड़े फैसले भी दिखेंगे, जब महागठबंधन के अलग-अलग घटक निकलते चले जाएंगे।

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने चुनाव तारीखों के एलान का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन लगभग बिखर चुका है। धीरे-धीरे करके अलग अलग घटक राजद से अलग हो रहे हैं और गठबंधन के अंदर हम पार्टी के बाद एक दूसरे घटक के द्वारा तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के मुकाबले में विकल्प के तौर पर नहीं मानने के बाद अब एक बार फिर साफ हो गया है कि जल्द दूसरे बड़े फैसले भी दिखेंगे, जब महागठबंधन के अलग-अलग घटक निकलते चले जाएंगे। 

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जनता पहले ही राजद के खिलाफ है और महा गठबंधन बिखर रहा है जबकि राजद के अंदर नेताओं और कार्यकर्ताओं का पलायन लगातार जारी है इसीलिए इस चुनाव में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो आंधी चल रही है उसका सामना करने में तथाकथित महागठबंधन पूरी तरह से विफल है और उसकी बेबसी साफ-साफ उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बौखलाहट और हताशा से दिख रही है। प्रसाद  ने कहा कि कृषि बिल पर हमारी पार्टी का स्टैंड बिल्कुल साफ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने यह साफ शब्दों में कह दिया है कि एपीएमसी एक्ट तो बिहार में 2006 में ही खत्म हो गया और उसके बाद बिहार में खेती और खेती से जुड़े लोगों को कोई कठिनाई नहीं हुई इसलिए की राज्य सरकार ने गेंहू और धान की खरीद की व्यवस्था कराई। किसानों की जिंदगी को खुशहाल बनाने की दिशा में लिया गया यह एक बड़ा फैसला है। बार-बार इस सवाल पर विपक्ष अगर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है तो उसे जरूर बताना चाहिए कि अगर देश में कृषि के हालात बहुत अच्छे थे और परंपरागत कृषि का स्वरूप बेहतर था तो इतनी बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्या क्यों की? उनकी अवस्था इतनी बुरी क्यों रही?

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