उप्र में नदियों के जल स्तर में उतार का रुख, कई इलाकों में अब भी बाढ़
सभी नदियों का जल स्तर में उतार का रुख है लेकिन कई इलाकों में ये अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे सैंकड़ों गांवों की आबादी बाढ़ की चपेट में बनी हुई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब हालांकि गंगा और यमुना समेत लगभग सभी नदियों का जल स्तर में उतार का रुख है लेकिन कई इलाकों में ये अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे सैंकड़ों गांवों की आबादी बाढ़ की चपेट में बनी हुई है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर अब उतार की ओर है, मगर बावजूद इसके अनेक स्थानों पर ये अब भी खतरे के निशान से ऊपर हैं।
गंगा नदी नदी इलाहाबाद के छतनाग और फाफामउ, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया तथा यमुना नदी नैनी (इलाहाबाद) में अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और सैंकड़ों गांव अब भी बाढ़ से पीड़ित हैं। जल आयोग के अनुसार, शारदा नदी पलियांकला और घाघरा बाराबंकी के एल्गिनब्रिज इलाके में अब भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। राहत आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी, इलाहाबाद, गाजीपुर और बलिया समेत कई अन्य जिलों के 987 गांवों के लगभग नौ लाख लोग अब भी बाढ़ की चपेट में हैं और राहत तथा बचाव का कार्य चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगामी 24 घंटों के दौरान कुछ इलाकों में वर्षा की संभावना है। कहीं कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
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