मनसे के पूर्व पदाधिकारी ने दी नसीहत, राज ठाकरे CM या PM नहीं, आदेश देने की बजाय खुद मैदान में उतरे
सोलापुर संगठन के पूर्व नगर अध्यक्ष अजीत कुलकर्णी ने कहा कि मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने के लिए राज ठाकरे को व्यक्तिगत रूप से आना चाहिए। कुलकर्णी ने कहा कि राज ठाकरे मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं को आदेश देने के बजाय उन्हें खुद मैदान में उतरना चाहिए।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे के लाउडस्पीकर को लेकर दिए गए बयान ने महाराष्ट्र का सियासी पारा बढ़ा दिया है। राज ठाकरे ने तीन मई तक का अल्टीमेटम देते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर बंद करने को कहा है। उधर, शिवसेना और एनसीपी के नेताओं ने भी बयान जारी किया है। मनसे के खिलाफ इस समय रांकापा, शिवसेना समेत तमाम पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लेकिन इसके साथ ही राज्य में कई मनसे सैनिकों ने राज ठाकरे की भूमिका का विरोध किया है।
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मुंबई और मराठवाड़ा के 35 पदाधिकारियों ने अपने पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही मनसे के पूर्व पदाधिकारी ने राज ठाकरे को चुनौती दी है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे से उनके एक पूर्व मनसे सैनिक ने अपील की है। सोलापुर संगठन के पूर्व नगर अध्यक्ष अजीत कुलकर्णी ने कहा कि मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने के लिए राज ठाकरे को व्यक्तिगत रूप से आना चाहिए। कुलकर्णी ने कहा कि राज ठाकरे मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं को आदेश देने के बजाय उन्हें खुद मैदान में उतरना चाहिए।
मुंबई, मराठवाड़ा में मुस्लिम पदाधिकारियों का इस्तीफा
एमएनवीएस महासचिव फिरोज पी. खान के साथ, मुंबई और मराठवाड़ा डिवीजनों के कुल 35 मुस्लिम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। त्याग पत्र में फिरोज खान के हस्ताक्षर वाले इन सभी पदाधिकारियों के नामों की सूची का उल्लेख किया गया है। इसमें सचिव, नगर अध्यक्ष, पदाधिकारियों में मीडिया प्रमुख, जिला सचिव, परिवहन सेना के उपाध्यक्ष समेत कई अन्य महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। इस बीच, मनसे के कल्याण राज्य सचिव इरफान शेख ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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