हाथ छोड़ कमल थामेंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ेगी टेंशन
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आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से आते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य भी पडरौना से ही चुनाव जीतते हैं। माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आरपीएन सिंह को भाजपा चुनावी मैदान में उतार सकती है।
उत्तर प्रदेश में सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। नेताओं का पाला बदलना भी लगातार जारी है। इन सबके बीच बड़ी खबर कांग्रेस से जुड़ी हुई आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी की टीम में प्रमुख चेहरा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि आरपीएन सिंह आज दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे। हालांकि दोनों ओर से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। आपको बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों के लिस्ट में आरपीएन सिंह को शामिल किया था। आरपीएन सिंह को अपनी पार्टी में शामिल कराकर भाजपा स्वामी प्रसाद मौर्य की टेंशन बढ़ाने वाली है।
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आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से आते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य भी पडरौना से ही चुनाव जीतते हैं। माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आरपीएन सिंह को भाजपा चुनावी मैदान में उतार सकती है। आपको बता दें कि हाल में ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा से बगावत कर योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। हालांकि अब तक समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना के ही रहने वाले हैं। वह 1996 से लेकर 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक भी रहे हैं।
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आरपीएन सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं। 2009 में उन्होंने कुशीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। यूपीए-2 की सरकार में उन्हें सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और गृह राज्य मंत्री भी बनाया गया था। आरपीएन सिंह राहुल गांधी की टीम के एक अहम हिस्सा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह को राहुल गांधी का बेहद ही करीबी बताया जाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैं ।अब अगर आरपीएन सिंह भी पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जाएगा।
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