दिल्ली में एक घर में लगी भीषण आग, एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत

Four members of a family died in a house fire in DelhiFour members of a family died in a house fire in Delhi

दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने के बारे में तड़के करीब चार बजे सूचना मिली और दमकल की चार गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि मकान की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में रखे सामान में आग लग गयी जिसके बाद चार लोगों की मौत हो गयी।

नयी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के ओल्ड सीमापुरी इलाके में एक इमारत की तीसरी मंजिल पर आग लगने के बाद मंगलवार को एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब ये लोग सो रहे थे। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान होरीलाल (59), उसकी पत्नी रीना (55), बेटा आशु (24) और बेटी रोहिणी (18)के रूप में हुई है। परिवार के सदस्य मकान की तीसरी मंजिल पर सो रहे थे जबकि उनका 22 वर्षीय बेटा अक्षय बाल-बाल बच गया क्योंकि वह दूसरी मंजिल पर सो रहा था। दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने के बारे में तड़के करीब चार बजे सूचना मिली और दमकल की चार गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि मकान की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में रखे सामान में आग लग गयी जिसके बाद चार लोगों की मौत हो गयी।

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ये लोग घटनास्थल पर मृत पाए गए। इस इमारत में भूतल समेत तीन मंजिल हैं और यह करीब 25 वर्ग गज के क्षेत्र में बनी है। उन्होंने बताया कि यह मामूली आग की घटना थी। बहरहाल दमकल अधिकारी ने शॉर्ट सर्किट की घटना से इनकार कर दिया और अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर उन्हें संदेह है कि कमरे में रखी मच्छर भगाने वाली किसी ‘अगरबत्ती’ से आग लगी होगी जो मेज पर रखे कपड़ों और बाद में पर्दों तक फैल गयी होगी। पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर सत्यसुंदरम ने बताया, ‘‘हमारा पुलिस दल और दिल्ली दमकल सेवा के कर्मी तुरंत घटनास्थल पहुंचे और आग पर काबू पाया गया। अपराध दल, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे।’’ पुलिस ने बताया कि आग इमारत की तीसरी मंजिल में लगी और फिर फैल गयी होगी। परिवार के ये सदस्य झुलस गए और फेफड़ों में धुआं भर जाने के बाद दम घुटने के कारण कारण इनकी मौत हुई होगी, हालांकिपोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मौत की असली वजह का पता चल पाएगा। पुलिस ने बताया कि परिवार में बचा एकमात्र सदस्य अक्षय उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में मजदूरी करता है। वह काम के बाद आधी रात को घर आया था। वह खाना लेने तीसरी मंजिल पर गया और बाद में दूसरी मंजिल पर आकर सो गया। वह बच गया क्योंकि आग तीसरी मंजिल से फैली नहीं।

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पिछले रात के बारे में याद करते हुए उसने बताया, ‘‘सुबह करीब चार बजे मैंने अपने पड़ोसियों को मेरी मां का नाम लेते हुए चिल्लाते सुना। जब मैं बाहर आया तो उन्होंने कहा कि तीसरी मंजिल की खिड़की का शीशा टूट गयाा है और वहां से धुआं निकल रहा है। मैं दूसरी मंजिल पर था और ऊपर गया तो वहां बहुत ज्यादा धुआं था। मैं नीचे आ गया और उन्हें देखने के लिए पड़ोसियों के साथ गया। खिड़की का शीशा टूटा हुआ था और मुख्य द्वार को खोलने की कोशिश के संकेत थे क्योंकि मेरे भाई ने उसे खोलने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस और दमकल को घटना की सूचना दी गयी।’’ पुलिस बताया कि होरीलाल शास्त्री भवन, दिल्ली में सहायक के तौर पर काम करता है और उसे मार्च 2022 में सेवानिवृत्त होना था। उसकी पत्नी नगर निगम में सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थी। उसकी बेटी एक सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी जबकि बेटा बेरोजगार था। डीसीपी ने बताया कि सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करना) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

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