सरकार-किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही, अब 5 दिसंबर को होगी अगली बैठक

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अंकित सिंह । Dec 3 2020 8:07PM

किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने दावा किया कि आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे।

सरकार, किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। हालांकि सरकार ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक में उनकी सभी आशंकाओं को दूर किया है। किसान यूनियन से मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई। किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने दावा किया कि आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी। भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े। किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है। इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है। परसों (5 दिसंबर) दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे। 

 सरकार ने अपनी ओर से लगभग 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और गड़बड़ियों को सामने रखा। इन कानूनों के बारे में किसान नेताओं का कहना था कि इन्हें जल्दबाजी में सितंबर में पारित किया गया। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि किसानों की शंकाओं को कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दूर किया। तोमर किसानों के साथ बातचीत में सरकार की अगुवाई कर रहे हैं। तोमर ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अगली बैठक शनिवार को दोपहर दो बजे होगी। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि बैठक शनिवार को फिर से शुरू होगी क्योंकि समय की कमी के कारण आज की बैठक में किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। 

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नारेबाजी करते हुए सभा स्थल से बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि वार्ता में गतिरोध बना हुआ है। इन किसान नेताओं में से कुछ ने धमकी दी कि बृहस्पतिवार की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो आगे की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा। बैठक में उपस्थित 40 किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से पेश दोपहर के भोजन को लेने से इनकार कर दिया और सिंघू बार्डर से एक वैन में लाये गये भोजन को खाना पसंद किया, जहां उनके हजारों सहयोगी नए कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं। उन्होंने बैठक के दौरान चाय और पानी की पेशकश को भी स्वीकार नहीं किया।

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