गडकरी ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन को बताया अवसरवादी, कहा- 6 महीने से ज्यादी नहीं चलेगा

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नितिन गडकरी कहा, ‘‘अवसरवादिता उनके गठबंधन का आधार है। ये तीनों पार्टियां केवल भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के मकसद से साथ एकजुट हुई हैं। मुझे संदेह है कि यह सरकार बन भी पाएगी... और अगर बन भी गई तो छह-आठ महीने से अधिक नहीं चल पाएगी।’

रांची। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के ‘गठबंधन’ को ‘‘अवसरवादी’’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि यदि वे वहां सरकार बना भी लेते हैं तो वह छह-आठ महीने से अधिक नहीं चल पाएगी।झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिये यहां आए गडकरी ने को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ अलग-अलग विचारधारा रखने वाली इन पार्टियों द्वारा किया गया गठबंधन सिर्फ भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए किया गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ झारखंड में 30 नवम्बर से पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने का कार्यक्रम है।

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गडकरी कहा, ‘‘अवसरवादिता उनके गठबंधन का आधार है। ये तीनों पार्टियां केवल भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के मकसद से साथ एकजुट हुई हैं। मुझे संदेह है कि यह सरकार बन भी पाएगी... और अगर बन भी गई तो छह-आठ महीने से अधिक नहीं चल पाएगी।’’ गौरतलब है कि शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महाराष्ट्र में सरकार गठन के स्वरूप पर बातचीत कर रही हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने पर (भाजपा और शिवसेना के बीच) सहमति नहीं बनने के बाद शिवसेना ने अलग रास्ता ढूंढना शुरू कर दिया दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना-भाजपा का गठबंधन टूटने की स्थिति में भाजपा सरकार बनाने की कोशिश करेगी, इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति पैछा होने पर पार्टी अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में फैसला करेगी। बिल्कुल अलग-अलग विचारधाराओं वाली पार्टियों के सरकार गठन के लिए एकजुट होने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है।’’

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उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन ‘‘हिन्दुत्व’’ पर आधारित था। गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने छानबीन की तब शिवसेना का मुख्यमंत्री पद साझा करने का दावा झूठा निकला। उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी अध्यक्ष और अन्य के अनुसार मुख्यमंत्री पद पर पार्टी को अपना रुख बाद में तय करना था, लेकिन चीजें दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से बदल गईं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उस दल से होना चाहिए जिसके पास अधिक जनादेश है।

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गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, यह महाराष्ट्र पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष, राज्य के मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर निर्भर करता है। गडकरी ने कहा, ‘‘ हमने अपनी पूरी कोशिश की।’’ यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बैठक में क्या चर्चा हुई, उन्होंने कि वह इसके विवरण से अवगत नहीं हैं। सूत्रों ने बताया था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की गुरुवार को हुई बैठक में पार्टी को महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई।

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