मंत्री के इस्तीफे की पेशकश पर बोले गहलोत- गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं, दबाव में आकर किया होगा कमेंट

ashok gehlot
ANI
अंकित सिंह । May 27 2022 3:40PM

अपने बयान में अशोक गहलोत ने कहा कि काम के बहुत दबाव में है। हो सकता है कि उन्होंने तनाव में आकर बयान दिया हो। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। मुझे उनसे बात करनी बाकी है।

राजस्थान में कांग्रेस के लिए सब कुछ सामान्य नहीं दिखाई दे रहा है। भले ही इसे सामान्य बताने की कोशिश की जा रही हो लेकिन कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए चुनौतिया लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन सब के बीच गुरुवार को खेल मंत्री अशोक चांदना ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद से राजस्थान की राजनीति में सरगर्मियां बढ़ गई हैं। अब इसी को लेकर अशोक गहलोत का भी बयान सामने आ गया है। अशोक गहलोत ने साफ तौर पर कहा कि दबाव में आकर उन्होंने ऐसा कमेंट किया होगा। इसे ज्यादा गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। अपने बयान में अशोक गहलोत ने कहा कि काम के बहुत दबाव में है। हो सकता है कि उन्होंने तनाव में आकर बयान दिया हो। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। मुझे उनसे बात करनी बाकी है। 

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वहीं इसी मामले पर राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सीएम इस मामले पर बात करेंगे। अशोक चंदना के ट्वीट को गंभीरता से लेना पार्टी की जिम्मेदारी है। मैं चंदना से व्यक्तिगत रूप से बात करूंगा। आपको बता दें कि गुरुवार को राजस्थान के मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज श्री कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है। धन्यवाद। 

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दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पंडित जवाहरलाल नेहरु की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया राजीव गांधी लेकर आए थे। आज जवाहर लाल नेहरू के बारे में जो निम्न स्तरीय बातें सोशल मीडिया के जरिए की गई है, आप सोच सकते हैं कि यह नई पीढ़ी को क्या प्रेरणा देगी। करोड़ों रुपए खर्च करके सोशल मीडिया पर इस प्रकार की हरकते होती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में टीमें बैठी हुई हैं। हम भी पोस्ट करते हैं तो ऐसे कमेंट आते हैं कि उन्हें पढ़कर भी हम क्या करें। राजनीति और विचारधारा के आधार पर आप अटैक करें तो हमें कोई दिक़्क़त नहीं है। लेकिन, आप व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणियां करोगे तो यह किसी भी पार्टी को शोभा नहीं देता।

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