लगातार विवादों में गोरखपुर पुलिस, मानवाधिकार हनन के आ रहे मामले

GKP POLICE
प्रतिरूप फोटो
प्रणव तिवारी । Aug 14 2021 12:14PM

एक तरफ अधिकारी पुलिस की छवि सुधारने और मित्र पुलिस की परिकल्पना में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मातहतों द्वारा लगातार पुलिस की छवि को धूमिल किया जा रहा है। थानों में मानवाधिकार हनन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

गोरखपुर। एक तरफ अधिकारी पुलिस की छवि सुधारने और मित्र पुलिस की परिकल्पना में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मातहतों द्वारा लगातार पुलिस की छवि को धूमिल किया जा रहा है। थानों में मानवाधिकार हनन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

 

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बात चाहे खजनी थाने में पुलिस, तथाकथित पत्रकार और महिला की साठगांठ से व्यवसायी के खिलाफ मुकदमा लिखने और धनउगाही की नीयत से एक दर्जन से ज़्यादा धाराएं लगाने का मामला हो या कोतवाली थानांतर्गत बेनीगंज चौकी प्रभारी द्वारा व्यवसायी को पीटने का मामला रहा हो या रामगढ़ताल थाने में पिटाई के बाद युवक की हुई मौत का आरोप, यह बताने के लिए काफी है कि यहाँ पुलिस विभाग में सब कुछ ठीक नहीं है। 

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पुलिस हर मामले में तर्क देती फिर रही है। जैसे कोतवाली वाले मामले में व्यवसायी को पूर्व का हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है जबकि वर्तमान में वह कपड़े का शोरूम चलता है। बहरहाल विभाग की सेहत सुधारने के लिए आला अधिकारियों ख़ासकर नवागत एसएसपी को अपराधियों के अलावा विभाग में भी हनक कायम करने की बेहद जरूरत है।

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